अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बीजेपी सांसद बिष्णु पद रे शुक्रवार को राज निवास के सामने धरने पर बैठ गए और उपराज्यपाल (एलजी) एडमिरल डी के जोशी (रिटायर्ड) को हटाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान एलजी के कार्यकाल में केंद्र शासित प्रदेश में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। बीजेपी सांसद ने कहा कि उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में विकास कार्यों पर चर्चा करने के लिए एलजी से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्हें कोई समय नहीं दिया गया। 76 वर्षीय बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि पिछले सात वर्षों में द्वीपसमूह में विकास कार्य ठप हो गए। जोशी को 2017 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था।
पीटीआई से बात करते हुए रे ने कहा, “मैं आम लोगों की विभिन्न शिकायतों जैसे खराब सड़कें, खराब सीवरेज सिस्टम, जलभराव, भूमि परिवर्तन और केंद्र सरकार की योजनाओं के खराब क्रियान्वयन पर चर्चा करने के लिए उपराज्यपाल से मिलना चाहता था। मैंने उचित माध्यम से मुलाकात के लिए समय मांगा, लेकिन मुझे मना कर दिया गया। इसलिए, मैं सुबह करीब 11 बजे राज निवास के सामने विरोध में धरने पर बैठ गया। मैं वर्तमान उपराज्यपाल को तत्काल हटाने की मांग कर रहा हूं।”
उपराज्यपाल कार्यालय ने सांसद के आरोपों का जवाब नहीं दिया। रे ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल द्वीपसमूह में विभिन्न विकास कार्यों में देरी कर रहे हैं और इसके कारण आम लोग परेशान हैं। रे ने कहा, “वह स्थानीय लोगों को परेशान कर रहे हैं। वर्तमान उपराज्यपाल के तहत पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, उद्योग आदि जैसे सभी महत्वपूर्ण क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण किसानों को डायमोनियम फॉस्फेट उर्वरक नहीं मिल रहा है, जिसका उपयोग वे बुवाई से पहले करते हैं।”
सांसद ने आगे कहा, “उपराज्यपाल द्वीपसमूह में विकास कार्यों के बारे में केंद्र सरकार को भ्रामक रिपोर्ट दे रहे हैं। भूमि का पंजीकरण भी रोक दिया गया है, जिससे पर्यटन उद्योग प्रभावित हो रहा है। उपराज्यपाल को तुरंत हटाया जाना चाहिए, अन्यथा यह द्वीप डूब जाएगा।” रे ने केंद्र शासित प्रदेश के सभी निवासियों से अनुरोध किया है कि वे उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं, ताकि उनकी शिकायतें दिल्ली तक पहुंच सकें। राज निवास के सामने सांसद का धरना शाम पांच बजे तक जारी रहा।