प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. यहां रात में भी संगम तट पर लाखों श्रद्धालु डटे रहते हैं. दीपों की रोशनी, गंगा के प्रवाह पर झिलमिलाती लहरें और मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है. कुछ श्रद्धालु खुले आसमान के नीचे विश्राम करते हैं, तो कुछ प्रशासन द्वारा बनाए गए रैन बसेरों में शरण लेते हैं. वहीं, विदेशी मेहमान भी इस दिव्य आयोजन के गवाह बन रहे हैं.

यहां रात में भी कुछ लोग त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए कतारों में लगे रहते हैं. तंबुओं में ठहरे संत, महंत और अखाड़ों के साधु भजन-कीर्तन और प्रवचनों में लीन रहते हैं. संगम क्षेत्र के अलावा विभिन्न घाटों पर भी श्रद्धालु पूजा-पाठ में व्यस्त नजर आते हैं. 

खुले में सो रहे लोग, झिलमिलाती रोशनी और मंत्रोच्चार की गूंज... महाकुंभ में ऐसा है रात का नजारा!

यहां रात में ठहरने के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष रैन बसेरों की व्यवस्था की है. यहां सेक्टर 2 के काली मार्ग पर रैन बसेरा बनाया गया है. इनमें चारपाई, गद्दे और रजाई के साथ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है.

खुले में सो रहे लोग, झिलमिलाती रोशनी और मंत्रोच्चार की गूंज... महाकुंभ में ऐसा है रात का नजारा!

महाकुंभ में इस बार विदेशी राजनयिकों का भी विशेष दल पहुंचा, जिसने इस भव्य आयोजन की तारीफ की. लिथुआनिया की राजदूत डायना मिकेविसिएने ने कहा कि यह दृश्य देखकर मेरी आत्मा खुश है. मैं हमेशा यहां आना चाहती थी, लेकिन अब जाकर यह अवसर मिला है.

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जापानी राजदूत केइची ओनो ने कुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना की और कहा कि वे इस मेले के जरिए भारतीय संस्कृति को और गहराई से समझने की कोशिश करेंगे.

खुले में सो रहे लोग, झिलमिलाती रोशनी और मंत्रोच्चार की गूंज... महाकुंभ में ऐसा है रात का नजारा!

क्राउड कंट्रोल और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन की टीमें लगी हुई हैं. बता दें कि माघ पूर्णिमा स्नान के दौरान भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस घटना के बाद प्रशासन ने आगामी प्रमुख स्नान पर्वों बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं.

खुले में सो रहे लोग, झिलमिलाती रोशनी और मंत्रोच्चार की गूंज... महाकुंभ में ऐसा है रात का नजारा!

रात के समय महाकुंभ का अनुभव एक अनोखी आध्यात्मिक यात्रा होती है. श्रद्धालु संगम तट पर दीपदान करते हैं, साधु-संतों के प्रवचन सुनते हैं और पूरी रात भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं. चाहे दिन हो या रात, महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का यह अद्भुत संगम देखने लायक है. महाकुंभ में बसंत पंचमी पर होने वाला तीसरा अमृत स्नान विशेष महत्व रखता है. कल 3 फरवरी को होने वाले इस स्नान में देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. कल बसंत पंचमी पर होने वाला तीसरा अमृत स्नान सुबह 5 बजे से शुरू होगा. 

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