मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र शुरू होने से पहले फडणवीस सरकार में कृषि राज्य मंत्री माणिक राव कोकाटे को रविवार को राहत मिल गई। एक सत्र न्यायालय ने कोकाटे की दो साल की सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें अस्थायी जमानत प्रदान कर दी। ऐसे में मंत्री काेकाटे की कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ सदस्यता रद्द नहीं होगी। कोकाटे पर झूठे दस्तावेजों के आधार पर मकान बेचने का आरोप लगाया गया। कोकाटे को उस मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई थी। विपक्षी गठबंधन एमवीए के घटक दलों ने कोकाटे के इस्तीफे की मांग की थी। महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र तीन मार्च शुरू होगा। कोकाटे अजित पवार की एनसीपी से मंत्री बने हैं।
कोकाटे के साथ NCP को बड़ी राहत

कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे द्वारा सत्र न्यायालय में अपील दायर की गई थी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा दिए गए फैसले को कोकाटे ने चुनौती दी थी। कोकाटे ने सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि निचली अदालत द्वारा दिया गया फैसला स्वीकार्य नहीं था। अब अदालत ने उन्हें राहत दे दी है। सत्र न्यायालय ने राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को राहत देते हुए उन्हें अस्थायी जमानत दे दी है। अदालत ने माणिकराव कोकाटे की सजा पर रोक लगा दी है। उन्हें एक लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी गई है। इसलिए फिलहाल उनकी विधायक सीट को कोई खतरा नहीं है। इससे पहले जब निचली कोर्ट ने जब फैसला दिया था तब विधानसभा के स्पीकर ने कहा था कि वह फैसले की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं।


राहत मिली, मुश्किल बाकी

कोकाटे को कोर्ट से ऐसे वक्त पर राहत मिली जब एनसीपी के कोटे से राज्य मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे विपक्ष के निशाने पर हैं। कोकाटे को निचली कोर्ट ने गलत तरीके गरीबों का मकान लेने के मामले में दोषी पाया था। इसके बाद कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया था। जनप्रतिनिधित्व एक्ट में दो साल या फिर इससे अधिक सजा होने पर निर्वाचित सदस्य उसी तिथि से अयोग्य हो जाता है। अगर ऊपरी कोर्ट सजा पर रोक लगाती है तो सदस्यता बचती है। मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को जैसे ही सूरत कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। वैसे ही अगले दिन वह अयोग्य घोषित हो गए थे। कोकाटे की सजा पर रोक लगी, केस अभी आगे चलता रहेगा। ऐसे में उनके लिए मुश्किल बाकी है।

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