यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा विधायक माता प्रसाद पांडे ने एक बयान देकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. बजट सत्र के दौरान माता प्रसाद पांडे ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर सीधे तौर पर तो टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन ऐसा उदाहरण जरूर दे दिया जिससे सियासी पारा हाई हो गया है.
पांडे ने कहा कि ‘एक कंस था… उसको भय था कि कृष्ण पैदा हो गए तो मैं भी खत्म हो जाऊंगा. उसे डर रहता था कि कृष्ण पैदा न हो पाए. यही स्थिति यहां की भी है. जैसे कंस कृष्ण से डरता था, वैसे ही कुछ लोग अखिलेश यादव से डरते हैं.’
BJP ने किया पलटवार
माता प्रसाद पांडे के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला. डिप्टी सीएम ने कहा- सपा अपने क्रियाकलापों को अच्छी तरह जानती है, जब-जब यह सत्ता में रहे हैं, इनकी हरकतें कंस, दुर्योधन और रावण जैसी रही हैं. इनके शासनकाल में प्रदेश में गुंडागर्दी, अराजकता, दुकानों पर कब्जा, बहू-बेटियों की इज्जत को खतरे में डालना आम बात थी. 1000 से अधिक अपराधों में इन्होंने भारतीय दंड संहिता के सारे कानूनों का उल्लंघन किया है.
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने आगे कहा- उत्तर प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है कि आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी पूरी तरह से समाप्त होने वाली है. उनकी आपराधिक गतिविधियों को जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी.
बकौल ब्रजेश पाठक- सपा के नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडे अच्छे आदमी हैं लेकिन सपा में कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है और हमेशा अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं. वो स्क्रिप्ट लिखकर देते हैं और उनको मजबूरी में पढ़ना पड़ता है और दुर्योधन हो या कंस हो या रावण हो उनके किरदार को निभाने का काम जब-जब सपा सत्ता में रही है तब किया है. हत्या, डकैती, लूट, बलात्कार, महिलाओं बहनों पर अत्याचार, जमीन, दुकान पर कब्जा करना और एक हजार से ज्यादा दंगे करवाना, ये सपा की सरकार में ही संभव है. अपराधियों को संरक्षण देने का काम, सपा अपने जन्म से ही करती आ रही है. सपा को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. उनके कुकर्मों को जनता भलीभांति जानती है. जब 2027 में चुनाव होंगे तो सपा हाशिये पर होगी.”
वहीं, दूसरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “जिसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है, वही इस प्रकार की शब्दावली का प्रयोग करता है. प्रयागराज का ऐतिहासिक महाकुंभ दिव्य, भव्य और अलौकिक रहा है… श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, जिसकी चर्चा चारों ओर है. सपा के नेताओं ने महाकुंभ को लेकर अफवाह फैलाई और झूठी बयानबाजी का प्रचार किया. अगर उनके बयान का कोई असर होता, महाकुंभ में आने वाले लोगों की संख्या कम होती, तब लगता कि उनकी बात में कुछ दम है, लेकिन वे बेदम हैं, सपा बेदम है, उनके बयान बेदम हैं। उनका भविष्य बेदम है.”