Mohammad Shami Roza Row: एक तरफ भारतीय क्रिकेट टीम दुबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेलने की तैयारी में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ देश में इस बात को लेकर विवाद चल रहा है कि क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने रोज़े के दौरान क्रिकेट फील्ड पर कैसे एनर्जी ड्रिंक पी लिया. बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ने इसको शमी की तरफ से किया गया गुनाह करार दे दिया तो इस्लाम को समझने वाले कई लोगों ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
मामले पर अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि भारतीय क्रिकेटर शमी के खिलाफ मौलाना की ओर से रोजा न रखना और उनके खिलाफ बोलने पर ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तान के इशारे पर सुपारी लेकर भारतीय टीम को हराने के लिए इस प्रकार की मानसिक उत्पीड़न हेतु टिप्पणी की जा रही है. ऐसे मौलाना को गिरफ्तार कर जांच की जानी चाहिए पाकिस्तान से कितने पैसे लेकर काम कर रहे हैं.
‘सुर्खियों में रहने के लिए दे रहे ऐसे बयान’
वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम ने भी कहा कि ऐसे लोग बस खुद को सुर्खियों में रखने के लिए इस तरीके के बयान देते हैं. इस्लाम में ऐसी छूट दी गई है कि अगर कोई व्यक्ति कोई ऐसा काम कर रहा हो जहां पर मशक्कत करने की जरूरत है और जहां पर पानी पीना जरूरी है तो वहां पर पानी पिया जा सकता है. सिर्फ एक मामले में ही नहीं बल्कि ऐसे कई उदाहरण है जहां पर रोज़े के दौरान खाने पीने की छूट दी गई है.
‘इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश’
जफर इस्लाम ने कहा कि ऐसे मौलाना इस तरह का बयान देखकर न सिर्फ खुद को कटघरे में खड़ा करते हैं बल्कि साथ ही इस्लाम को भी एक कट्टर धर्म दिखाकर बदनाम करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी क्रिकेटर ने क्रिकेट की फील्ड पर इस तरीके से रोज़े के दौरान पानी पिया हो या कुछ खाया हो इससे पहले भी ऐसी तमाम घटनाएं होती रही है और किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई है. लिहाजा शमी के मामले को उठाकर मौलाना शहाबुद्दीन सिर्फ एक विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि उसकी कोई जरूरत नहीं थी.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ने क्रिकेट फील्ड पर मोहम्मद शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने को लेकर सवाल खड़े किए और उसको गुनाह करार दिया. इतना ही नहीं मौलाना ने तो यहां तक कह दिया कि शमी ने हजारों लाखों लोगों के सामने एनर्जी ड्रिंक पीकर भी गुनाह कर दिया है. इसके बाद मौलाना शहाबुद्दीन के बयान पर हंगामा शुरू हो गया.
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