ढाका: भारत विरोध में अंधे हो चुके बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पाकिस्तान से गलबहियां करने के बाद अब ढाका को बीजिंग के करीब ले जाने में जुट गए हैं। बांग्लादेश और चीन ने व्यापक रणनीतिक सहयोग साझेदारी को मजबूत करने के लिए पहले से कहीं अधिक निकटता से काम करने का फैसला किया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, चीन में बांग्लादेश के राजदूत नजमुल इस्लाम और चीनी विदेश मामलों को उपमंत्री राजदूत सन वेइदोंग ने बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय में आयोजित बैठक में अपने देशों की प्रतिबद्धता दोहराई।यह नजमुल की सन वेइदोंग से पहली मुलाकात थी। इस दौरान दोनों ने मौजूदा सहयोग को मजबूत करने और सहयोग के नए क्षेत्रों को शामिल करने पर भी ध्यान केंद्रित किया। बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्षों ने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए आपसी सम्मान, आपसी गैर-आक्रामकता, एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में आपसी हस्तक्षेप न करने, समानता और आपसी लाभ और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अपनी स्थिति को दोहराया।
बांग्लादेश-चीन मना रहे 50वीं वर्षगांठ
बांग्लादेश और चीन राजनयिक संबंदों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जिसके लिए दोनों दश संयुक्त कार्यक्रम शुरू करेंगे। इसमें लोगो जारी करना और पिछले 50 वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में योगदान देने वाले व्यक्तियों को मान्यता देना और चिकित्सा पर्यटन को खोलना शामिल है।
चीन के कर्ज जाल में फंसने की तैयारी
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बांग्लादेश को तेजी से चीन के करीब ले जा रही है। इसके पहले यूनुस सरकार ने तीस्ता नदी के प्रबंधन के लिए चीन की तरफ हाथ बढ़ाया था। इसके लिए चीन की सरकारी कंपनी को इस साल दिसम्बर तक कॉन्सेप्ट नोट और 2026 के आखिर तक रिसर्च तैयार करने को कहा गया है। यह वही प्रोजेक्ट है, जिसे पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार भारत के साथ आगे बढ़ाना चाहती थी। अब 1 अरब डॉलर की इस परियोजना को लेकर यूनुस सरकार चीन के साथ आगे बढ़ी है। लेकिन चीन का रिकॉर्ड बताता है कि जिसने भी उससे मदद मांगी है, उसका चीनी कर्ज जाल में फंसना तय है।