महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद साइबर सेल की चौकसी से बड़ा खुलासा हुआ है. इस हिंसा के बाद माहौल बिगाड़ने में बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया है. पता चला है कि नागपुर में जो हिंसा हुई, उसके बाद बांग्लादेश से सोशल मीडिया पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. वहां के एक यूजर ने सोमवार को हुए दंगे को छोटा दंगा बताते हुए और बड़े दंगे कराने की धमकी दी है. इस बीच पुलिस ने मुख्य आरोपी फहीम खान पर राजद्रोह के आरोप में भी धाराएं लगा दी हैं.
महाराष्ट्र पुलिस ने फेसबुक से अनुरोध किया है कि ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स को फौरन ब्लॉक किया जाए. ऐसे ही सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से नागपुर में अफवाह फैलाकर दंगे भड़काए गए थे. खासकर नागपुर की हिंसा को लेकर पिछले 2 दिनों से सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ आई हुई है. ऐसी ही एक झूठी अफवाह फैलाई गई कि हिंसा में जख्मी दो लोगों की अस्पताल में मौत हो गई है. पुलिस की साइबर सेल की नजर ऐसे सभी सोशल मीडिया हैंडल्स और अकाउंट्स पर है.
अब तक 97 ऐसे झूठे भ्रामक और भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट की पहचान हो चुकी है, जिसके जरिये माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. इस हिंसा की जांच कर रही पुलिस ने भी खुलासा किया था कि दिन में वीएचपी के प्रदर्शन के 5 घंटे बाद उपद्रवियों की भीड़ को जमा किया गया था. आशंका है कि लोगों को योजना के तहत इकट्ठा किया गया और पुलिस पर हमला करने का माहौल बनाया गया. इसमें उस अफवाह का सबसे बड़ा योगदान था जिसे सोशल मीडिया ने फैलाने की कोशिश की थी.
नागपुर पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान सहित पांच अन्य लोगों पर देशद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि ये छह लोग उन 50 आरोपियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ साइबर विभाग ने सोमवार को यहां हुई हिंसा के संबंध में चार प्राथमिकी दर्ज की है. डीसीपी साइबर क्राइम लोहित मतानी ने कहा कि साइबर सेल ने फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के अफसरों से 230 प्रोफाइल के बारे में जानकारी मांगी है.
डीएसपी ने कहा कि जैसे ही साइबर सेल को जानकारी मिलेगी, आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र शिलालेखों वाली चादर जलाए जाने की अफवाह सोमवार को हिंसा का प्रथम दृष्टया कारण बनी. इस दौरान डीसीपी रैंक के तीन अधिकारियों समेत करीब 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
उन्होंने बताया कि फहीम खान ने औरंगजेब की कब्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का वीडियो संपादित करके उसे (सोशल मीडिया पर) प्रसारित किया. उसने हिंसा के महिमामंडन के वीडियो भी साझा किए. औरंगजेब की कब्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के भड़काऊ वीडियो बनाने और हिंसा भड़काने के लिए उन्हें प्रसारित करने के संबंध में चार एफआईआर दर्ज की गई हैं. इसके अलावा हिंसा की क्लिपिंग को और अधिक दंगे भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर साझा किया गया था.
उधर, बरेलवी संप्रदाय के मौलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर फिल्म छावा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सांप्रदायिक तनाव भड़का रही है. नागपुर हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नागपुर में हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है. बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद वो सड़क पर उतरी थीं.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर जिला प्रशासन के निर्देशानुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने खुल्ताबाद में औरंगजेब की कब्र के दो तरफ टिन की चादरें लगा दी हैं. उन्होंने बताया कि कब्र के चारों ओर एक गोलाकार बाड़ भी लगाई जाएगी. उन्होंने बताया, “मकबरे के दोनों तरफ लगी हरी जाली खराब हालत में थी और पास में स्थित ख्वाजा सैयद जैनुद्दीन चिश्ती की कब्र पर आने वाले लोगों को यह संरचना दिखाई दे रही थी. इसलिए हमने टिन की चादरें लगाई हैं.”