Turkey crisis: बांग्लादेश के बाद अब तुर्किये में भी तख्तापलट का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर रविवार (23, मार्च, 2025 ) को जेल भेज दिया गया, जिससे पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों की लहर दौड़ गई. इमामोग्लू पर भ्रष्टाचार और आपराधिक संगठन चलाने के आरोप लगे हैं.

विपक्ष का दावा है कि यह गिरफ्तारी राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है. तुर्किये के विभिन्न शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे देश में दशकों का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.

किन आरोपों में गिरफ्तार हुए इमामोग्लू?
इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें शामिल हैं: रिश्वतखोरी और जबरन वसूली, बोली प्रक्रिया में धांधली और अवैध डेटा संग्रह,एक आपराधिक संगठन चलाने का आरोप भी है, हालांकि, आतंकवाद से संबंधित आरोपों को खारिज कर दिया गया है.

विपक्ष का क्या कहना है?
रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) का दावा है कि यह गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. इमामोग्लू 2028 के राष्ट्रपति चुनावों में एर्दोगन को चुनौती देने के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे थे. उनके समर्थकों का कहना है कि सरकार उन्हें चुनावी दौड़ से हटाना चाहती है.

सरकार की सफाई
तुर्की सरकार और न्यायपालिका ने राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार किया है. अधिकारियों का कहना है कि अदालत ने स्वतंत्र रूप से फैसला लिया और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई जरूरी थी.

देशव्यापी विरोध जारी
इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद तुर्किये के प्रमुख शहरों—इस्तांबुल, अंकारा और इज़मिर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे. पुलिस ने दंगा नियंत्रण के लिए आंसू गैस, पानी की तोपों और प्लास्टिक की गोलियों का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारियों ने जवाब में पत्थरबाजी और आतिशबाजी की. सरकार ने इसे “सड़कों पर आतंक” करार दिया और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी.

CHP का कड़ा विरोध
CHP ने इमामोग्लू के समर्थन में ‘एकजुटता वोट’ अभियान शुरू किया. पूरे देश में गैर-सदस्यों को भी मतदान के लिए प्रेरित किया गया. CHP नेता केमल किलिकदारोग्लू ने कहा,”यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि तुर्किये में लोकतंत्र पर हमला है.”

अर्थव्यवस्था पर असर
तुर्की लीरा में भारी गिरावट दर्ज की गई. तुर्की का बेंचमार्क BIST 100 इंडेक्स 8% नीचे गिरा. निवेशकों का कहना है कि इस राजनीतिक अस्थिरता से तुर्किये की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है. इमामोग्लू ने गिरफ्तारी से पहले चेताया था कि इस कार्रवाई से तुर्किये की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और निवेशकों का विश्वास प्रभावित होगा.

क्या एर्दोगन इमामोग्लू से डरते हैं?
बता दें कि इमामोग्लू ने 2019 में इस्तांबुल मेयर पद का चुनाव जीतकर एर्दोगन की पार्टी को तगड़ा झटका दिया था. चुनाव में धांधली के आरोपों के बाद फिर से मतदान हुआ और इमामोग्लू ने और भी बड़े अंतर से जीत हासिल की. उनकी लोकप्रियता उन्हें 2028 के राष्ट्रपति चुनावों का सबसे मजबूत उम्मीदवार बनाती है. 2022 में उन्हें तुर्की की सर्वोच्च चुनाव परिषद का अपमान करने का दोषी ठहराया गया. हाल ही में उनकी विश्वविद्यालय डिग्री रद्द कर दी गई, जिससे उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश मानी जा रही है.

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