मुंबई: साल 2024 की अंतिम तिमाही के दौरान भी मकानों (House Price) की कीमतें बढ़ ही रही हैं। इस दौरान भारत के आठ प्रमुख शहरों में मकानों की औसत कीमतों में औसतन 10% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई। मजबूत मांग और सकारात्मक बाजार रुझानों के चलते साल 2021 से लगातार 16वीं तिमाही में कीमतें बढ़ ही रही हैं। इस दौरान सभी बड़े शहरों में मकानों की कीमतों में इजाफा हुआ ही, दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई। इसके बाद बेंगलुरु का स्थान रहा। इसकी जानकारी क्रेडाई-कोलियर्स-लियासेस फोरास (CREDAI – Colliers – Liases Foras) के हाउसिंग प्राइस-ट्रैकर रिपोर्ट से मिली है।

दिल्ली एनसीआर में मकानों की कीमतें आसमान पर

दिल्ली एनसीआर में मकानों की कीमतों में एक तरह से आग लगी हुई है। साल 2024 की अंतिम तिमाही के दौरान ही दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में मकान की कीमतों में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी खासतौर पर लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी सेगमेंट में मजबूत बिक्री के कारण हुई। द्वारका एक्सप्रेसवे पर सबसे ज्यादा 58% की सालाना वृद्धि हुई, जबकि ग्रेटर नोएडा में भी कीमतें 52% बढ़ीं। आने वाले समय में, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में मकानों की कीमतें और बढ़ने की संभावना है।

बेंगलुरु भी पीछे-पीछे

दिल्ली एनसीआर के पीछे-पीछे बेंगलुरु चल रहा है। वहां पिछले साल चौथी तिमाही के दौरान मकान की कीमतों में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। अहमदाबाद और पुणे में भी मकानों की कीमतों में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण इन शहरों के प्रमुख इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और बेहतर कनेक्टिविटी से बढ़ी मांग है। बेंगलुरु के आउटर वेस्ट और पेरिफेरी इलाकों, और पुणे के बानेर और नागर रोड जैसे माइक्रो मार्केट्स में रेडी-टू-मूव मकानों की मांग तेजी से बढ़ी, जिससे इन क्षेत्रों में मकानों की औसत कीमतें 2024 की चौथी तिमाही में सालाना 15% तक बढ़ गईं।

भारत में आवासीय कीमतों के रुझान (INR/वर्ग फीट में)

शहर औसत कीमत Q4 2023 औसत कीमत Q1 2024 औसत कीमत Q2 2024 औसत कीमत Q3 2024 औसत कीमत Q4 2024 QoQ कीमत में बदलाव (Q4 2024 बनाम Q3 2024) YoY कीमत में बदलाव (Q4 2024 बनाम Q4 2023)
अहमदाबाद 6,737 7,176 7,335 7,640 7,725 1% 15%
बेंगलुरु 9,976 10,377 11,161 11,743 12,238 4% 23%
चेन्नई 7,701 7,710 7,690 7,889 8,141 3% 6%
दिल्ली एनसीआर* 9,170 9,757 11,214 11,438 11,993 5% 31%
हैदराबाद 11,083 11,323 11,290 11,351 11,351 0% 2%
कोलकाता 7,912 7,727 7,745 7,616 7,971 5% 1%
एमएमआर** 20,047 20,361 20,275 20,438 20,725 1% 3%
पुणे 9,185 9,448 9,656 9,890 9,982 1% 9%

स्रोत: Liases Foras, Colliers

सभी कीमतें कार्पेट एरिया पर आधारित हैं।

*एनसीआर- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र | **एमएमआर- मुंबई महानगर क्षेत्र

सस्ते मकानों का दबदबा बरकरार

यूं तो आलोच्य अवधि के दौरान लग्जरी मकानों की बिक्री भी खूब बढ़ी है। लेकिन अभी भी ज्यादातर बिक्री अफोर्डेबल हाउस या सस्ते मकानों की ही है। तभी तो कहा जा रहा है कि सस्ते मकानों की बिक्री का दबदबा बना रहेगा। हालांकि, लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट की मांग 2025 में और बढ़ सकती है। इन महंगे मकानों की मांग बढ़ने से अगले कुछ तिमाहियों में देशभर में मकानों की औसत कीमतों में और इजाफा होने की संभावना है।

अनसोल्ड इंवेंट्री घटी

साल 2024 की चौथी तिमाही में बिना बिके मकानों की संख्या या अनसोल्ड इंवेंट्री लगातार चौथी बार घटी है। साल भर में इसमें 5% की कमी दर्ज की गई। दिसंबर 2024 तक देश भर में बिना बिके मकानों की संख्या दो साल में पहली बार 10 लाख से कम हो गई। हालांकि, इनमें से 40% मकान अकेले मुंबई मेट्रो रीजन (एमएमआर) में थे।

बड़ी जगह और बेहतर सुविधाओं की बढ़ी मांग

क्रेडाई नेशनल के अध्यक्ष बोमन ईरानी का कहना है “मकानों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि खरीदारों का भरोसा मजबूत बना हुआ है। लोग अब ज्यादा बड़े मकानों और बेहतर सुविधाओं वाले अपार्टमेंट को तरजीह दे रहे हैं। उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों के कारण बड़े मकानों, बेहतर सुविधाओं और इंटीग्रेटेड टाउनशिप की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसका असर सभी श्रेणियों की बिक्री पर पड़ा है।” उन्होंने यह भी बताया कि कंस्ट्रक्शन कॉस्ट और जमीन की ऊंची कीमतें भी मकानों के दाम बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। अगर आने वाले समय में ब्याज दरें घटती हैं, तो किफायती मकानों की खरीद क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग और तेज हो सकती है।

इस साल भी बढ़ेंगी कीमतें?

कोलियर्स इंडिया के सीईओ बादल याग्निक ने बताया, “2024 में भारत के शीर्ष आठ शहरों में मकानों की कीमतें 10% तक बढ़ीं। दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु जैसे शहरों में लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी मकानों की मांग बढ़ने से कीमतों में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ।” उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में रेपो रेट में कटौती और सरकार द्वारा तनावग्रस्त आवासीय परियोजनाओं को फंड देने की पहल से किफायती मकानों को बढ़ावा मिलेगा। अगर आने वाले समय में बेंचमार्क उधार दरों में और कटौती होती है, तो सभी तरह के मकानों की बिक्री में तेजी आएगी। ऐसे में 2025 में भी मकानों की कीमतों में इसी तरह की सालाना बढ़ोतरी जारी रह सकती है।

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