दिल्ली के हरि नगर इलाके से कुख्यात नीरज बवाना गैंग के एक बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बदमाश की पहचान दीपक शर्मा (28) के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज था. उसे भगोड़ा घोषित किया गया था. पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की जा रही है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि खुफिया सूचना मिली थी कि दीपक शर्मा हरि नगर में छिपा हुआ है. वहां वो अपने एक सहयोगी से मिलने वाला था, जिसके साथ वो किसी साजिश को अंजाम देने वाला था. इसके बाद पुलिस की एक टीम ने अभियान चलाया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
दीपक शर्मा का आपराधिक गतिविधियों में पुराना इतिहास रहा है. वो नीरज बवाना गैंग के प्रमुख सदस्य राकेश उर्फ सनी का करीबी सहयोगी है. उसके खिलाफ दिल्ली के द्वारका के कई थानों में स्नैचिंग और आर्म्स एक्ट के तहत सात से अधिक केस दर्ज हैं. वो लंबे समय से फरार चल रहा था.
इसके साथ ही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शालीमार बाग थाना क्षेत्र में दो साल से फरार चल रहे एक मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल को भी गिरफ्तार किया है. वो बंदूक की नोक पर डकैती के मामले में वांछित था. उसके खिलाफ चोरी, सेंधमारी, डकैती और हत्या से जुड़े कई मामले दर्ज हैं.
इससे पहले शनिवार को दिल्ली के रोहिणी में पुलिस और बदमाशों के बीच हुए मुठभेड़ के बाद तीन शूटरों को गिरफ्तार किया गया था. तीनों बदमाश हिमांशु भाऊ-नीरज बवाना गैंग से जुड़े हुए हैं. उनके पास से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, दो देसी पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस और मोटरसाइकिल जब्त की गई थी.
शनिवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की पहचान अतुल, रोहित और प्रिंस के रूप में हुई है. पुलिस को शुक्रवार को एक खुफिया सूचना मिली थी कि तीनों शूटर किसी को गोली मारने के इरादे से मोटरसाइकिल से दिल्ली के बवाना इलाके में जा रहे हैं.
टारगेट किलिंग की साजिश की सूचना मिलते ही रोहिणी सेक्टर 18 थाने की पुलिस सक्रिय हो गई. तुरंत एक पुलिस टीम बनाई गई. इसके बाद रोहिणी के दीप विहार में प्रेम आधार अस्पताल के पास जाल बिछाया गया. शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे पुलिस ने बाइक सवार तीन लोगों को रोका.
पुलिस को देखते ही उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. वहां से भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्होंने बाइक पर अपना नियंत्रण खो दिया. वो नीचे गिर गए. इसी बीच उनकी गोली एक हेड कांस्टेबल को लग गई, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट होने की वजह से उनकी जान बच गई. पुलिस ने जवाबी फायरिंग किया.
इस दौरान एक शूटर के पैर में गोली लग गई. इसी बीच पुलिस ने चारों से तरफ से घेरकर आरोपियों को अपने कब्जे में ले लिया. प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उनका हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली, रंगदारी और डकैती सहित कई हिंसक अपराधों का इतिहास रहा है.