सुधाकर सिंह ने लिखी राज्यपाल-सीएम को चिट्छी
बक्सर से सांसद सिंह ने रविवार को राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जिसे उन्होंने सोमवार को मीडिया में जारी किया। उन्होंने अपने पत्र में आरोप लगाया, ‘बिहार सरकार के कई विभागों में वरिष्ठ अधिकारियों तथा नेताओं के परिजनों की कंपनियों और गैर सरकारी संगठन को बिना किसी निविदा प्रक्रिया के काम दे दिया गया या उन्हें बतौर सलाहकार या परामर्शी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। इस वजह से राज्य सरकार के प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं जिसकी सार्थकता का अवलोकन करना अति आवश्यक है।’
बिहार में कंपनियों की जांच कराने की मांग
इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार के सभी विभागों में बिना किसी निविदा या प्रतिस्पर्धी बोली के बतौर सलाहकार या परामर्शी नियुक्त किए गए व्यक्ति और कंपनियों की विस्तृत जांच कराने का आग्रह किया है।
चिट्ठी में नए वित्त सचिव का भी जिक्र
सुधाकर सिंह ने पत्र में लिखा है कि ‘वित्त सचिव के तौर पर मूल स्थापन होने के बाद किसी भी पदाधिकारी का कार्यकाल एक निश्चित समय के लिए होता है पर पिछले साल तीन सितंबर को सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा वित्त सचिव का तबादला तीन दिनों के भीतर करके वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद किशोर को नियुक्त किया जो प्रथम दृष्टया अनुचित प्रतीत होता है।’
बिहार में जन लोकपाल लाओ- RJD
उन्होंने आरोप लगाया, ‘मौजूदा वित्त सचिव के द्वारा लिए गए कई निर्णय उनकी निष्पक्षता के ऊपर सवाल खड़े करते हैं। बजट संबंधी बैठकों में निजी कंपनियों तथा व्यक्तियों की सहभागिता के साथ-साथ कुछ चिह्लित सलाहकार संस्थानों को वित्त विभाग के द्वारा विशेष प्राथमिकता दिए जाने के निर्णय भी शामिल हैं। राज्य में जन लोकपाल का पद कई वर्षों से रिक्त होने के कारण इस तरह के मामलों की न्याय संगत जांच नहीं हो रही है।’ उन्होंने जन लोकपाल की नियुक्ति के लिए उचित निर्देश देने का भी आग्रह किया।