रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार को 1.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें नक्सलवाद खत्म करने पर भी फोकस है। बजट में बस्तर को एक नए विकास मॉडल के रूप में उभारने और नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह बजट विकसित छत्तीसगढ़ की नींव को और मजबूत करेगा। खासकर बस्तर के विकास पर हमारा पूरा ध्यान है, जहां बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नए अवसरों पर बड़ा निवेश किया गया है। यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति और प्रगति लाने की दिशा में एक अहम कदम है।

NSG की तर्ज पर बनेगा SOG

बजट में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल को सशक्त करने पर जोर दिया गया है। सरकार NSG की तर्ज पर SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) बनाएगी, जो नक्सल उन्मूलन में अहम भूमिका निभाएगी। 10 जिलों में एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स, 5 जिलों में साइबर थाने बनेंगे। खनिज संसाधनों की सुरक्षा के लिए CISF की तर्ज पर SISF का गठन किया जाएगा। पुलिस बल को मजबूत करने के लिए एक नवीन भारत रक्षित वाहिनी का गठन किया जाएगा। नक्सलवाद को खत्म करने में बस्तर फाइटर के योगदान को देखते हुए बजट में 3200 अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।

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पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजना

छत्तीसगढ़ सरकार पिछले सवा साल में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता भी मिली। इस दौरान 305 नक्सली ढेर हुए हैं और 1000 ने आत्मसमर्पण किया। बजट में हर साल बस्तर ओलंपिक के आयोजन के लिए 5 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। योग शिविरों के लिए 2 करोड़ और जैव विविधता टूरिज्म ज़ोन के लिए 10 करोड़ रूपये का बजट रखा गया है। गांवों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए बनी नियद नेल्लानार (मेरा सुंदर गांव) योजना के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बस्तर संभाग के सभी जिलों में लोक उत्सवों के आयोजन (बस्तर मड़ई) और बस्तर मैराथन के लिए भी बजट में 2 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। बस्तर, सरगुजा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे पॉलिसी भी बनाई जाएगी।

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