विधानसभा के बाहर प्रदर्शन
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के अंदर रात गुजारी। वहीं विधानसभा के बाहर रातभर हंगामा होता रहा। युवा कांग्रेस धरने पर बैठ गया। पुलिस फोर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अन्य कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा।
इन विधायकों को किया गया सस्पेंड
जिन विधायकों को निलंबित किया गया, उनमें सागर चरण दास, मंगू खिल्ला, सत्यजीत गोमांगो, अशोक कुमार दास, दशरथी गोमांगो और सोफिया फिरदौस शामिल हैं। ताराप्रसाद बहिनीपति और रमेश जेना इसलिए बच गए क्योंकि जब निलंबन की घोषणा हुई, तब वे सदन में मौजूद नहीं थे। बहिनीपति को पहले भी 11 मार्च को सात दिनों के लिए निलंबित किया गया था।
सदन में बजाई घंटी, गाई राम धुन
कांग्रेस ने अपना विरोध और तेज कर दिया। वे सदन में घंटी बजाते रहे, ‘राम धुन’ गाते रहे और धरना जारी रखा। पहले उन्होंने सीटी, बांसुरी और झांझ बजाकर कार्यवाही में बाधा डाली थी। वे एक हाउस कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे। विधानसभा में 7 मार्च से लगातार हंगामा हो रहा है।
बार-बार कार्यवाही हुई स्थगित
स्पीकर ने मंगलवार को कार्यवाही 14 बार स्थगित की। सुबह और दोपहर के सत्रों में बराबर-बराबर बार कार्यवाही रोकी गई। BJD के सदस्य शिक्षा और रोजगार में ST, SC और OBC आरक्षण की मांग कर रहे थे। वहीं, कांग्रेस के सदस्य अपना संगीत वाला विरोध जारी रखे हुए थे।
कांग्रेस ने पूछा-गलत क्या है?
डिप्टी स्पीकर भबानी शंकर भोई की अध्यक्षता में हुई एक बैठक भी इस स्थिति को सुलझाने में नाकाम रही। BJD के तीन वरिष्ठ सदस्यों ने स्पीकर से निलंबन पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। OPCC अध्यक्ष भक्त चरण दास ने विरोध का बचाव करते हुए कहा कि इसमें क्या गलत है? यह मंदिरों में किया जाता है और विधानसभा भी लोकतंत्र का एक मंदिर है। यह सरकार को जगाने का एक तरीका था, जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि पर चुप रही।
दास ने पूरे ओडिशा में विरोध जारी रखने की कसम खाई। CLP नेता कदम ने महिलाओं के मुद्दों को उजागर करने के अपने प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने सवाल किया कि जांच के लिए एक सर्वदलीय हाउस कमेटी बनाने का विरोध क्यों किया जा रहा है।