गुटबाजी पर राहुल गांधी की खरी-खरी
दो दिवसीय गुजरात दौरे के दूसरे दिन राहुल गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस के भीतर दो गुट नजर आ रहे। आधे लोग बीजेपी के लिए काम कर रहे। ऐसे लोगों को हटाने की सख्त कार्रवाई करनी पड़े तो जरूर किया जाना चाहिए। राहुल गांधी ने गुजरात की बात करते हुए एक तरह से उन राज्यों के नेताओं को भी सख्त संदेश दे दिया जहां पर गुटबाजी बात अकसर सामने आती रहती है। केरल, कर्नाटक, हरियाणा, एमपी, पंजाब समेत कुछ ऐसे राज्य रहे हैं जहां पार्टी के भीतर झगड़े की बात समय पर कही जाती है।
पार्टी नेताओं का दे दिया सख्त संदेश
राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि पार्टी का पहला काम कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के दो समूहों को अलग करना है। पहला जो पार्टी की विचारधारा को अपने दिल में रखते हैं और जनता के साथ खड़े हैं और दूसरे जो जनता से कटे हुए हैं। इनमें से आधे बीजेपी के साथ हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात कांग्रेस में नेतृत्व और कार्यकर्ता स्तर पर दो तरह के लोग हैं। एक वो जो लोगों के प्रति ईमानदार हैं, वे उनके लिए लड़ते हैं, उनका सम्मान करते हैं और उनके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है। और दूसरे वो हैं, जो लोगों से कटे हुए हैं, उनका सम्मान नहीं करते हैं और उनमें से आधे बीजेपी के साथ हैं।
राहुल ने बताया कांग्रेस कैसे होगी मजबूत
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस में जिला, ब्लॉक और उच्च स्तर पर नेताओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन वे जंजीरों में जकड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं को, जिनमें मैं भी शामिल हूं, गुजरात के लोगों के बीच जाना होगा, उनकी आवाज सुननी होगी। उन्हें मुझसे क्या उम्मीदें हैं, हम उनके लिए क्या कर सकते हैं – उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य के लिए। हम आपकी बात सुनने के लिए यहां हैं।
तेलंगाना का जिक्र कर कही ये बड़ी बात
राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए तेलंगाना का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी अपने वोट प्रतिशत में पांच फीसदी की भी बढ़ोतरी करने में सफल होती है, तो वह गुजरात में सत्ता में आ सकती है। तेलंगाना में पार्टी अपने वोट प्रतिशत में 22 फीसदी की बढ़ोतरी करने में सफल रही और सत्ता में आई। राहुल गांधी ने जिस तरह से पूरे मुद्दे को उठाया वो बेहद अहम है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस कई राज्यों में गुटबाजी से परेशान है। इसके चलते उसे कई राज्यों में मजबूत उपस्थिति के बावजूद उसे हार का सामना करना पड़ रहा।
कई राज्यों में गुटबाजी, ऐसे पार पाना जरूरी
पिछले साल संपन्न हुए महाराष्ट्र, हरियाणा के चुनाव में पार्टी के अच्छा प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन दोनों ही जगह उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार, बंगाल सभी जगहों पर पार्टी कई गुटों में बंटी नजर आती है। इस वजह से उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक, नजर नहीं आता। पार्टी में इस गुटबाजी से निपटने के लिए कांग्रेस नेतृत्व में कई बार मंथन हुआ। उदयपुर के चिंतन शिविर में इसे लेकर राज्य स्तर पर प्रदेश समन्वय कमेटी बनाने का फैसला किया गया था। हालांकि, इस पर कितना अमल हुआ ये पार्टी नेतृत्व को भी बखूबी पता है।
क्या गुजरात में वापसी करेगी कांग्रेस?
फिलहाल राहुल गांधी ने पार्टी में गुटबाजी का मुद्दा जिस तरह से गुजरात में उठाया और अपनी बात मजबूती से रखी वो बेहद अहम है। राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी पिछले 30 साल से गुजरात की सत्ता से बाहर है। हालांकि अब बदलाव की जरूरत है। उन्होंने इस गुजरात दौरे के जरिए समूचे देश के पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित होने का सीधा संदेश दे दिया। साथ ही जो लोग पार्टी की विचारधारा के खिलाफ काम कर रहे उन पर एक्शन की भी बात कही है। अब देखना होगा इसका कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कितना असर होगा।
बीजेपी ने राहुल गांधी को घेरा
उधर गुजरात दौरे पर राहुल गांधी के किए गए कमेंट पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बारे में राहुल गांधी की टिप्पणी पर रिएक्ट किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरे पर दोषारोपण करते-करते अपनों पर भी आरोप लगाने लगे हैं। अपनी ही पार्टी के लोगों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना यह केवल राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है।
बीजेपी नेता ने ये भी कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नेतृत्व जब से कांग्रेस को मिला है, तभी से गुजरात में कांग्रेस की स्थिति खराब हुई है। राहुल गांधी वामपंथियों और नक्सलियों का समर्थन करते हैं। मीडिया पर निशाना साधते हैं। अब उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं को गाली देना शुरू कर दिया। ये उनकी बिगड़ती मनोस्थिति का नतीजा है।