रमजानुल मुबारक सबसे पवित्र महीना
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने रमजान को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि इस्लाम मजहब में रमजानुल मुबारक सबसे पवित्र महीना है, इसलिए तमाम मुसलमान इस माह मुबारक को इबादत ही में गुजारें। रमजानुल मुबारक में सबसे अहम इबादत रोजा है। रमजानुल मुबारक में पूरे महीने रोजा रखना हर आकिल बालिग मुसलमान मर्द व औरत पर फर्ज है।
उन्होंने कहा कि रोजा इफ्तार सही वक्त पर ही करें। अगर रोजा वक्त से पहले खोल लिया तो रोजा खराब हो जाएगा। अगर इफ्तार करने में ज्यादा देर की तो रोजा मकरूह हो जाएगा यानी सवाब कम हो जाएगा। हर हैसियत व्यक्ति इफ्तार पार्टियों का एहतिमाम करे और उसमें गरीबों को भी शामिल किया जाए। मौलाना ने कहा कि हर मस्जिद में इफ्तार का विशेष आयोजन किया जाए। इस मुबारक महीने में तरावीह जरूर पढ़ी जाए, क्योंकि रमजान में ही खुदा पाक ने पूरा कुरान पाक उतारा है।
जकात फर्ज है
तरावीह पढ़ने वाले नमाजी और मस्जिदों की प्रबंधक कमेटी इस बात को सुनिश्चत करें कि नमाजियों की गाडियों तय स्थान पर पार्क की जाए, जिससे ट्रैफिक में कोई रुकावट पैदा न हो। सेहरी करना सुन्नत है, लेकिन सेहरी के वक्त बार-बार एलान न किया जाए और न ही किसी प्रकार का शोर किया जाए। इससे पड़ोसियों और मोहल्ले वालों को कोई न तकलीफ हो। जिन लोगों पर जकात फर्ज है, वह अपने माल का ढ़ाई प्रतिशत निकाल कर हकदार को दें।
इफ्तार और सेहरी के समय क्या करें
ऐशबाग के ईदगाह ने आगे बताया कि इस मुबारक माह में जरूरतमंदों की मदद करने से 70 गुना से अधिक सवाब मिलता है, इसलिए उसमें अधिक से अधिक सका और खैरात देने का एहतिमाम किया जाए। इस्लाम ने सफाई का विशेष ख्याल रखा है, इसलिए मस्जिदों के पास और मोहल्लों में सफाई का विशेष ख्याल रखें। इस मुबारक माह में खुदा पाक रोजेदारों की दुआएं कुबूल करता है। इफ्तार और सेहरी के वक्तों में अपने और अपने घरवालों के लिए दुआओं के साथ-साथ देश के लिए दुआएं जरूर करें।