RSS की बैठक में बांग्लादेश को लेकर प्रस्ताव पास, UN के दखल की मांग

मोहन भागवत

आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने प्रस्ताव पारित कर बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एक जुड़ता से खड़े रहने का आह्वान किया. प्रस्ताव में कहा गया है की बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को राजनीति बताकर इसके मजहबी पक्ष को ना करना सत्य से मुंह मोड़ने जैसा है क्योंकि अधिकतर पीड़ित हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से हैं. प्रतिनिधि सभा की बैठक में यूनाइटेड नेशन की हस्तक्षेप की मांग की गई. सभा में कहा गया कि बांग्लादेशी हिंदू समाज के लिए एकजुटता दिखाएं.

सामाजिक जीवन में कहीं भी को समस्या दिखे तो उसके बारे में समाधान खोजना शुरू करें. केवल सरकार को ज्ञापन देना सुझाव देना ये आरएसएस के सोचने का ढंग नहीं है. संघ के सोचने का ढंग यूनिक है. हम समाज की शक्ति के आधार पर समाज के सभी प्रश्नों का समाधान करते हैं. बैठक में एक उदाहरण के जरिए इसे समझाया गया.

500 बच्चों को दिया सामान्य जीवन

मध्य प्रदेश में एक ऐसा गांव है, जहां बच्चों के हाथ-पैर जुड़े हुए हैं इस वजह से वो सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे हैं. वो एक प्रकार की डिसेबिलिटी है. उन्होंने कहा कि इसपर हमने चर्चा की और डॉक्टरों से बातचीत किया तो पता चला कि ऑपरेशन के जरिए वो सामान्य जीवन जी सकते हैं. हमने पिछले 4 सालों में 500 बच्चों को समाज में सामान्य जीवन जीने के लिए ऑपरेशन की सुविधा मुहैय्या कराई.

बांग्लादेश में हिंसा भारत विरोधी है

बांग्लादेश में हिंसा सिर्फ एंटी हिन्दू ही नहीं बल्कि एंटी भारत विरोधी भी है. मिस ट्रस्ट और डिस्ट्रस्ट का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही हैं. इंटरनेशनल फोर्सेज भी बांग्लादेश में हिंदू और भारत के खिलाफ काम कर रही है. पाकिस्तान, दीप स्टेट वगैरह हिन्दू और भारत के खिलाफ बांग्लादेश में काम कर रहे हैं.

तीन दिनों तक चलेगी बैठक

बेंगलुरु में आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की शुरुआत 21 मार्च को हुई. यह बैठक कुल तीन दिन तक चलेगी. संघ प्रमुख मोहन भागवत इस बैठक का उद्घाटन किया. बैठक में संघ से जुड़े 32 संगठनों के करीब 1480 प्रतिनिधि शामिल होंगे.

इस बैठक का अहम केंद्र दो विषयों पर रहेगा.पहला प्रस्ताव बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की स्थिति और भविष्य के उपायों पर प्रस्ताव पारित हो गया. दूसरा प्रस्ताव पिछले 100 वर्षों में संघ की यात्रा, शताब्दी वर्ष के दौरान गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं पर आधारित है.

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *