बेंगलुरु: बेंगलुरु में आयोजित आरएसएस के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने रविवार को अवैध प्रवासियों, अंतरजातीय विवाह और मणिपुर की स्थिति पर बात की। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए अवैध प्रवास के मुद्दे पर आरएसएस के रुख को बताया। उन्होंने कहा कि हर प्रतिनिधि सभा में इस विषय का जिक्र जरूरी नहीं है, लेकिन आरएसएस लगातार यह बात कहता रहा है कि सरकार को अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए।आरएसएस अंतरजातीय विवाह के खिलाफ नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस में होसबोले ने अंतरजातीय विवाह के संबंध में भी आरएसएस का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस अंतरजातीय विवाह के खिलाफ नहीं है। उनका मानना है कि जितने भी अंतरजातीय विवाह हुए हैं, वे समाज में जातियों को मजबूत करने में योगदान दे रहे हैं। मणिपुर के हालात पर होसबोले ने कहा कि हर सरकार कुछ कदम उठाती है, लेकिन आरएसएस ने मांग की है कि मणिपुर में हालात को सुधारने के लिए सरकार को तत्काल और ज्यादा कदम उठाने चाहिए।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक 1443 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
इस सभा में देशभर के 1443 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें नॉर्थ ईस्ट से लेकर कन्याकुमारी और जम्मू कश्मीर तक के कार्यकर्ता शामिल थे। सभा में संघ के पिछले एक साल के कार्यकाल की समीक्षा की गई और आगामी समय में संघ के विस्तार और कार्यकुशलता पर जोर देने की बात की गई। होसबोले ने कहा कि विजयदशमी के दिन 100 साल पूरे हो जाएंगे। यह आत्मचिंतन का समय है और समाज तक हमारे काम को पहुंचाने की जरूरत है। साथ ही राष्ट्र निर्माण के लिए आगे का रोड मैप तैयार किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में होसबोले ने अंतरजातीय विवाह के संबंध में भी आरएसएस का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस अंतरजातीय विवाह के खिलाफ नहीं है। उनका मानना है कि जितने भी अंतरजातीय विवाह हुए हैं, वे समाज में जातियों को मजबूत करने में योगदान दे रहे हैं। मणिपुर के हालात पर होसबोले ने कहा कि हर सरकार कुछ कदम उठाती है, लेकिन आरएसएस ने मांग की है कि मणिपुर में हालात को सुधारने के लिए सरकार को तत्काल और ज्यादा कदम उठाने चाहिए।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक 1443 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
इस सभा में देशभर के 1443 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें नॉर्थ ईस्ट से लेकर कन्याकुमारी और जम्मू कश्मीर तक के कार्यकर्ता शामिल थे। सभा में संघ के पिछले एक साल के कार्यकाल की समीक्षा की गई और आगामी समय में संघ के विस्तार और कार्यकुशलता पर जोर देने की बात की गई। होसबोले ने कहा कि विजयदशमी के दिन 100 साल पूरे हो जाएंगे। यह आत्मचिंतन का समय है और समाज तक हमारे काम को पहुंचाने की जरूरत है। साथ ही राष्ट्र निर्माण के लिए आगे का रोड मैप तैयार किया गया है।
विजयदशमी पर संघ के होंगे 100 साल पूरेसंघ ने 100 साल की इस यात्रा के दौरान समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का संकल्प लिया। इस संकल्प के तहत विजयदशमी के दिन, 2 अक्टूबर को पूरे देश में 1 लाख स्थानों पर विजयदशमी उत्सव मनाए जाएंगे, साथ ही शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत होगी। संघ के सरसंघ चालक दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता में बुद्धिजीवियों के साथ बैठक करेंगे ताकि एक देश, एक संस्कृति के विचार को मजबूती से स्थापित किया जा सके और देश की एकता और संप्रभुता के लिए कार्य किया जा सके। इसके अलावा 15 से 30 साल के युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। (इनपुट एजेंसी)