ताऊ का लड़का था मुख्य आरोपी
संजलि की ह़त्या करने वाला उसका ताऊ का लडक़ा योगेश था। योगेश ने अपने प्लान में दो साथी विजय और आकाश शामिल किया। दरअसल योगेश अपने चाचा की लड़की संजलि से एकतरफा प्यार करता था। पहले दोनों में अच्छी खासी दोस्ती थी, लेकिन बाद में संजलि से उससे बात करनी बंद कर दी। इससे नाराज होकर योगेश ने संजलि की हत्या को अंजाम दिया। मलपुरा नहर के पास वह बाइक पर पेट्रोल का डिब्बा लेकर खड़ा था। बाइक उसका दोस्त आकाश चला रहा था। योगेश का इशारा करते ही आकाश ने संजलि की साइकिल के आगे बाइक लगा दी। योगेश ने उसके ऊपर पेट्रोल छिड़क दी और लाइटर से आग लगाकर फरार हो गए। जबकि तीसरा दोस्त विजय वहीं रुक गया था।
योगेश ने कर लिया था सुसाइड
संजलि ने अपनी मौत से पहले मजिस्ट्रेट को बयान दिए थे। जिसकेे आधार पर जांच शुरू हुई। अपने फंसने के डर से घबराए योगेश ने विषाख्त खाकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने आकाश और विजय को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। कुछ महीने जेल में रहने के बाद आकाश और विजय को जमानत मिल गई थी।
26 गवाहों और साक्ष्यों पर सुनाई सजा
इस पूरे मामले में पुलिस ने माता-पिता, भाई समेत 100 से अधिक गवाह बनाए। घटना में इस्तेमाल की गईं बाइक, पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज, पीजी कालेज के स्काउट एंड गाइड की कार्यशाला से 17 और 18 की अनुपस्थिति, संजलि को लिखे गए योगेश के पत्र, डिजिटल साक्ष्य न्यायाल में पेश किए गए थे। एडीजे 17 नितिन कुमार ठाकुर की कोर्ट ने मंगलवार को सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आकाश और विजय को दोषी माना। कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास और 5.23 लाख का जुर्माना लगाया है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्य प्रकाश धाकड़ ने मामले में दमदार पैरवी की।