Shashi Tharoor Praised Row: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर की ओर से लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार की प्रशंसा करने से पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ गई है. उन्होंने अखबार में लिखे लेख में केरल में व्यापार और उद्यमिता को आसान बनाने के लिए पिनाराई विजयन सरकार की तारीफ की थी.

इसके अलावा, थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के नतीजों को भी सकारात्मक बताया था, जिससे पार्टी में और भी बवाल मच गया है. बढ़ते विवाद पर शशि थरूर ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने कभी राजनीति को विकास के साथ नहीं मिलाया. अब पार्टी मुखपत्र ने उनकी हालिया गतिविधि को लेकर आलोचना की है.

पार्टी मुखपत्र ने की आलोचना
कांग्रेस के मुखपत्र ‘वीक्षणम डेली’ ने थरूर के बयानों की आलोचना की. संपादकीय में नाम लिए बिना उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई गई. इसमें एलडीएफ सरकार और मोदी की तारीफ को लेकर नाराजगी जताई गई.

थरूर ने सोनिया और राहुल गांधी से की मुलाकात
नई दिल्ली में AICC महासचिव के.सी. वेणुगोपाल की मौजूदगी में थरूर ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की और उनके सामने अपनी विचार रखी. उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं है, तो मेरे पास विकल्प हैं.”

केरल में कांग्रेस के लिए मुश्किल हालात
कांग्रेस 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है. एलडीएफ सरकार को हटाने के लिए यूडीएफ (कांग्रेस गठबंधन) आक्रामक रणनीति अपना रही है. केरल की 140 सदस्यीय विधानसभा में एलडीएफ के पास 99 और यूडीएफ के पास 41 सीटें हैं. भाजपा भी तेजी से अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, जिसने त्रिशूर लोकसभा चुनाव जीतकर इतिहास रचा था. 2026 का चुनाव कांग्रेस के लिए एक बड़ा मौका हो सकता है, लेकिन पार्टी आंतरिक मतभेदों से जूझ रही है.

‘मैंने राजनीति को विकास से नहीं मिलाया’
थरूर ने इंडिया टुडे से कहा, “मैंने कभी राजनीति को विकास के साथ नहीं मिलाया. मैं चाहता हूं कि केरल एक विकसित राज्य बने और मैं राज्य सरकार की ओर से की गई अच्छी पहल का समर्थन करता हूं.” कई कांग्रेस नेताओं को लगता है कि एलडीएफ सरकार व्यापार और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं है, लेकिन थरूर का मानना है कि विजयन सरकार के तहत केरल में बेहतरी आई है.

केरल की बदलती राजनीतिक स्थिति
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, विजयन ने कल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देकर खुद को एक दूरदर्शी नेता के रूप में स्थापित किया है. 2021 में एलडीएफ ने भारी बहुमत से सत्ता बरकरार रखी थी. थरूर के विकास समर्थक रुख ने उन्हें केरल की राजनीति में एक अलग पहचान दी है. 2009 में तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव जीतने के बाद, उन्होंने लगातार चार बार जीत दर्ज की है.

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