SpaceX के स्पेस्क्राफ्ट ड्रैगन के जरिए सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव धरती पर लौट रहे हैं. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 6 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपना मिशन शुरू किया था. निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव 29 सितंबर 2024 को स्टेशन पर पहुंचे. अब वे स्पेसएक्स के ड्रैगन फ्रीडम यान पर घर वापस आ रहे हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस काम के लिए SpaceX के Dragon Crew Capsule को चुना है. ये कैप्सूल अपने बनने के बाद से अब तक 49 बार लॉन्च हो चुका है. ड्रैगन कैप्सूल ने 44 बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा की है. 29 बार रीफ्लाइट हुई है. इस कैप्सूल में एक बार में सात एस्ट्रोनॉट्स के बैठने की व्यवस्था है. 

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Sunita Williams, NASA, SpaceX, Dragon

यह दुनिया का पहला निजी स्पेसक्राफ्ट है, जो लगातार स्पेस स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स और कार्गो लेकर आता-जाता रहा है. खाली कैप्सूल का वजन 7700 किलोग्राम होता है. जब यह कार्गो और एस्ट्रोनॉट्स के साथ लॉन्च किया जाता है, तब इसकी अधिकतम वजन क्षमता 12,500 किलोग्राम होती है. 

यह किसी ऑर्बिट में 6000 किलोग्राम तक का वजन पहुंचा सकता है. स्पेस स्टेशन तक यह 3307 किलोग्राम वजन पहुंचा सकता है या वापस ला सकता है. आमतौर पर इसमें 2 से 4 एस्ट्रोनॉट्स बैठते हैं.

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इमरजेंसी में सात एस्ट्रोनॉट्स को लेकर वापस आ सकता है

इमरजेंसी इवैक्यूएशन यानी आपातकालीन स्थिति में इसमें सात एस्ट्रोनॉट्स के बैठने की व्यवस्था की जा सकती है. अगर यह सिर्फ अपने दम पर धरती की निचली कक्षा में उड़ान भरे तो यह 10 दिन तक अंतरिक्ष में रह सकता है. लेकिन स्पेस स्टेशन से जोड़ दिया जाए तो यह 210 दिनों तक अंतरिक्ष में रह सकता है. 

Sunita Williams, NASA, SpaceX, Dragon

अब तक 12 ड्रैगन कैप्सूल बनाए जा चुके हैं 

ड्रैगन क्रू कैप्सूल की ऊंचाई 15 फीट है. लेकिन नीचे प्रोपल्शन सिस्टम को मिलाकर इसकी ऊंचाई 26.7 फीट हो जाती है. कैप्सूल के अंदर 13 फीट का व्यास और 12 फीट की चौड़ाई है. SpaceX ने इसके कई वैरिएंट बनाए हैं. अब तक 12 कैप्सूल बनाए जा चुके हैं. 6 क्रू, 3 कार्गो और 3 प्रोटोटाइप. 

8 ड्रैगन कैप्सूल ऑपरेशनल हैं, चार एस्ट्रोनॉट्स के लिए

इस समय कुल 8 ड्रैगन कैप्सूल ऑपरेशनल हैं. जिसमें से चार क्रू कैप्सूल हैं यानी एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पहुंचाने और वापस लाने के लिए. तीन कार्गो कैप्सूल यानी सामान के लिए. एक प्रोटोटाइप. तीन कैप्सूल रिटायर हो चुके हैं, जिसमें एक क्रू था और दो प्रोटोटाइप थे. 

2019 से लगातार भर रहा है सफलता की उड़ान

इस कैप्सूल की पहली मानवरहित उड़ान 2 मार्च 2019 में हुई थी. मानवयुक्त पहली उड़ान 20 मई 2020 को हुई थी. पहली कार्गो उड़ान 6 दिसंबर 2020 को हुई थी. इसे आमतौर पर स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 ब्लॉक 5 रॉकेट से लॉन्च किया जाता है. इसमें स्पेस स्टेशन तक जाने और वापस आने के लिए 2563 किलोग्राम ईंधन डाला जाता है.

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