Tahawwur Rana Extradition: 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उसने इमरजेंसी स्टे की मांग करते हुए दावा किया कि अगर उसे भारत भेजा गया तो उसे टॉर्चर किया जाएगा.

राणा ने अपनी याचिका में कहा कि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है, इसलिए भारत में उसे भेदभाव और प्रताड़ना का सामना करना पड़ सकता है. उसने यह भी तर्क दिया कि उसकी सेहत ठीक नहीं है और वह पार्किंसंस जैसी बीमारियों से जूझ रहा है.

डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कर चुके हैं प्रत्यर्पण की घोषणा
पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा. व्हाइट हाउस में पीएम मोदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा था, “मुंबई हमले के साजिशकर्ता और दुनिया के सबसे खतरनाक लोगों में से एक तहव्वुर राणा को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित किया जाएगा.” ट्रंप ने यह भी कहा था कि वह और पीएम मोदी कट्टरपंथी इस्लाम से पैदा हुए खतरों से लड़ेंगे.

राणा ने अपनी सुरक्षा का दिया हवाला
राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि अगर उसे भारत भेजा गया, तो वह ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रहेगा. उसने कहा कि राष्ट्रीय, धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर उसे निशाना बनाया जाएगा. उसने ह्यूमन राइट्स वॉच 2023 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिमों के साथ भेदभाव होता है.

जल्द भारत लाया जा सकता है तहव्वुर राणा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राणा को कुछ ही हफ्तों में भारत लाया जा सकता है. महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमारी जेलें राणा के लिए तैयार हैं. हमने अजमल कसाब को रखा था, इसलिए सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं है.”

भारत लाए जाने पर NIA कोर्ट में पेशी
भारत आने के बाद तहव्वुर राणा को NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसकी रिमांड की मांग कर सकती है ताकि उससे मुंबई हमले की गहरी पूछताछ की जा सके. भारत सरकार और जांच एजेंसियों के लिए यह प्रत्यर्पण एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.

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