लोग पैसा कमाने के लिए काफी मेहनत करते हैं, चाहे शारीरिक श्रम हो या बौद्धिक. इसके लिए लोग अपनी रुचि के अनुसार काम भी ढूंढ लेते हैं. ऐसा ही कुछ काम चीन में एक टूरिस्ट गाइड ने शुरू किया और उसे सालाना इतनी कमाई होती है, जितना एक अच्छे कॉरपोरेट जॉब का पैकेज भी नहीं होता. 

चीन के शांदोंग प्रांत में माउंट ताई पर काम करने वाले 26 वर्षीय शियाओ चेन, चोटी पर जाने वाले पर्यटकों के साथ जाते हैं और उन्हें रास्ता बताते हैं. इस दौरान कुछ टूरिस्ट खासकर महिलाएं अक्सर थक जाती हैं और चाहती हैं कि उन्हें अंतिम 1,000 सीढ़ियां चढ़ाने के लिए चेन कंधे पर उठाकर ऊपर ले जाएं. 

एक चढ़ाई का चार्ज है सात हजार रुपये
चेन अपने टूरिस्ट क्लाइंट की इच्छा अनुसार मदद तो करता है, लेकिन इसके लिए एक्सट्रा चार्च भी करता है. इसके लिए एक बार किसी को पहाड़ इस तरह से ऊपर चढ़ाने का वह 83 डॉलर (7000 रुपये) तक लेता है. वह एक दिन में दो बार माउंट ताई की चढ़ाई कर लेता है. 

5 हजार फीट की होती है चढ़ाई
वह रास्ते में अधिकांश समय अपने क्लाइंट का हाथ पकड़कर चलता है और जब वे थक जाते हैं तो चेन उन्हें अपने कंधों पर उठाकर ले जाने को भी तैयार हो जाता है. माउंट ताई यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित है और 5,029 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

अंतिम चढ़ाई के दौरान थक जाती हैं टूरिस्ट
चेन कथित तौर पर 25 से 40 वर्ष की आयु के टूरिस्टों को ही पहाड़ की चोटी पर चढ़ाने के लिए ले जाता है. क्योंकि बुजुर्ग इतनी चढ़ाई करने में सक्षम नहीं होते हैं.  इस तरह उसके अधिकतर क्लाइंट पहाड़ की करीब-करीब चढ़ाई पूरी कर लेते हैं, सिर्फ अंतिम चढ़ाई के दौरान थक जाने पर वो उन्हें कंधे पर उठाकर ले जाता है और इसकी एक्सट्रा फीस होती है. इसत रह वह हर साल करीबन 42 हजार डॉलर यानी 36 लाख रुपये कमा लेता है. 

1000 सीढ़ियां चढ़ने में लगता है आधे घंटे का समय
चेन ने कहा कि किसी को चोटी तक आखिरी 1,000 सीढ़ियां चढ़ाने में उन्हें लगभग आधे घंटे का समय लगता है. वहां वो जिस तरह की सेवा दे रहे हैं. उसकी काफी मांग होती है. अब चेन ने ज्यादा टूरिस्ट होने पर उनके भार साझा करने के लिए टीम के सदस्यों को नियुक्त करना शुरू कर दिया है.

सोशल मीडिया पर भी हिट हैं चेन
वह अपने टिकटॉक फॉलोअर्स के बीच भी काफी हिट हैं और कई लोग उनके दमदार काम की सराहना कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि वाह, उनकी शारीरिक शक्ति कमाल की है. कई ने मजाक में लिखा कि क्या आप सिर्फ लड़कियों को ही कंधे पर उठाकर ऊपर ले जाते हैं. 

दरअसल, अधिकतर लड़कियां या महिलाएं ही पूरा रास्ता तय नहीं कर पाती. यही वजह है कि उनकी अधिकतर टूरिस्ट क्लाइंट महिलाएं ही होती है. युवा खुद चढ़ाई पूरी कर लेते हैं और बुजुर्गों के लिए लिफ्ट भी लगी हुई है. सिर्फ वैसे टूरिस्ट जो आधे रास्ते के बाद थक जाते हैं, उन्हें कंधे पर भी उठाना पड़ जाता है.  

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *