यूक्रेन में तत्काल युद्ध रोकने की मांग करने वाले प्रस्ताव को यूनाइटेन नेशन सिक्योरिटी काउंसिल की मंजूरी मिल गई है. इस प्रस्ताव को काउंसिल ने पारित कर दिया है, जिसमें यूक्रेन में तत्काल जंग रोकने और दोनों मुल्कों के बीच स्थायी शांति की बात कही गई है. इस प्रस्ताव के पक्ष में 15-सदस्यीय काउंसिल के 10 सदस्यों ने पक्ष में मतदान किया और फ्रांस समेत पांच देशों ने वोटिंग से परहेज किया.
अब तक, UNSC युद्ध पर कोई कार्रवाई करने में असमर्थ रही है क्योंकि रूस और उसके सहयोगी इस पर वीटो करते आए हैं. अमेरिका ने इस प्रस्ताव को पेश किया था, जिस पर वीटो पावर वाले फ्रांस के अलावा ब्रिटेन, डेनमार्क, ग्रीस और स्लोवेनिया जैसे देशों ने मतदान में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया. गौर करने वाली बात ये है कि इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अमेरिका में हैं, और डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर रहे हैं.
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UNSC से पारित प्रस्ताव में क्या कहा गया है?
संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने बहस के दौरान बताया, “इस प्रस्ताव से हम शांति के रास्ते पर जा सकते हैं. यह पहला कदम है लेकिन अहम है, जिसपर हम सभी को गर्व होना चाहिए.” प्रस्ताव में कहा गया है कि यूनाइटेड नेशन का मकसद अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना है. प्रस्ताव में विवादों के शांतिपूर्ण समाधान करने, जंग को तुरंत समाप्त करने और स्थायी शांति की मांग की गई है.
UNGA में अमेरिका को करना पड़ा समझौता!
यूएनजीए से भी युद्ध रोकने की मांग के साथ दो प्रस्ताव पारित किए गए हैं. इससे यूक्रेन में जंग रोकने का रास्ता साफ हो गया है. अमेरिका और यूरोप के बीच चल रहा तनाव यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में भी देखने को मिला, जहां अमेरिका को अपने ही प्रस्ताव पर समझौता करना पड़ा. यूक्रेन पर रूसी हमले की तीसरी एनिवर्सिरी के मौके पर यूरोपीय देशों ने युद्ध समाप्त करने की अपील के साथ एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें रूस की चौतरफा आलोचना की गई.
अमेरिका, इजरायल और उत्तर कोरिया समेत 18 देशों ने रूस का साथ देते हुए यूरोप और यूक्रेन द्वारा पेश प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जो कि ट्रंप प्रशासन की यूक्रेन युद्ध के खिलाफ पॉलिसी शिफ्ट की एक स्पष्ट झलक है. खैर, प्रस्ताव 93 वोटों के साथ पारित हुए, और भारत समेत 65 देशों ने वोटिंग से दूरी बनाई.
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यूक्रेन और यूरोप के प्रस्ताव में क्या अपील की गई?
यूरोप के प्रस्ताव में रूस की कड़ी आलोचना की गई और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने और यूक्रेन से रूसी सेना की वापसी की अपील की गई. इसमें कहा गया कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण तीन महीने से जारी है और इसके न सिर्फ अन्य क्षेत्रों बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी विनाशकारी प्रभाव पड़ रहे हैं. प्रस्ताव में तनाव को कम करने, हमले रोकने और युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की बात कही गई है.
अमेरिका को अपने प्रस्ताव पर करना पड़ा समझौता!
युद्ध समाप्त करने की मांग के साथ ही एक अन्य प्रस्ताव “यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का जिक्र किए बगैर” अमेरिका ने पेश किया, जिसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. यूरोपीय देशों ने अमेरिका से प्रस्ताव को संशोधित करने की अपील की, और दिलचस्प बात ये रही की सूपर पावर ने अपने प्रस्ताव पर मतदान के दौरान असेंबली से गैर-हाजिर रहा.
संशोधित अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव को भी 93 वोटों के साथ पारित हुए, जबकि अमेरिका समेत 73 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और आठ ने इसके खिलाफ वोट किया. यहां एक झटका रूस को भी लगा जो इस संशोधन में भी हमले के “मूल कारण” जैसे शब्द शामिल करा पाने की कोशिश में विफल रहा.