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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) वक्फ बोर्ड बिल वापस लेने की मांग कर रहा है. कई मौलाना, उलेमा और नेता भी इसका विरोध कर रहे हैं. लेकिन हकीकत क्या है? कई ऐसी चीजें हैं जिसे लेकर भ्रम का मायाजाल बनाया …और पढ़ें

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ दिल्ली में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले तमाम संगठनों और दलों के नेता जुटे. (Photo_PTI)
हाइलाइट्स
- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल देश हित में नहीं.
- कांग्रेस-सपा और टीएमसी ने कहा-यह मुसलमानों को परेशान करने के लिए है.
- हकीकत में इसमें कई ऐसे बदलाव किए गए हैं जो वक्फ संपत्तियों को बचाएंगे.
वक्फ बोर्ड बिल को लेकर सोमवार को दिल्ली में धरना प्रदर्शन हुआ. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के बैनर तले मुस्लिम संगठनों के तमाम नुमाइंदे जंतर मंतर पर पहुंचे. उन्हें समर्थन देने के लिए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना समेत 12 पार्टियां भी कूद पड़ीं. सबके अपने-अपने दावे थे. लेकिन एक जुबां में सबका यही कहना था कि बिल को वापस लिया जाना चाहिए. यह मुसलमानों के हित में नहीं है. कई पार्टियों ने तो यहां तक कह डाला कि बीजेपी इसे इसलिए पेश कर रही है, ताकि मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा सके. उधर, सरकार इस पर झुकने को तैयार नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक- संसद सत्र के आखिरी दिनों में वक्फ बोर्ड बिल पेश किया जा सकता है.
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, सरकार लोगों के हित का बता कर जो कानून लोगों के लिए बना रही है, वही लोग उस कानून से संतुष्ट नहीं हैं. बीजेपी की वक्फ की जमीन पर निगाह है. वह इसे हथियाना चाहती है. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ये बिल असंवैधानिक है. ये बिल वक्फ की जायदादों को खत्म करने के लिए है… इनकी नियत खराब है ये चाहते हैं कि दो समुदायों में दूरियां बढ़ें. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा-यह साफ दिख रहा है कि यह सरकार देश की समस्याओं को हल नहीं करना चाहती। उनका एकमात्र इरादा समाज में द्वेष पैदा करना है. वक्फ बोर्ड पर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, हमने 118 घंटे इस पर बात की है. सभी राज्यों से लोग आए. अपनी बात रखी. अब सिर्फ झूठ का विवाद खड़ा किया जा रहा है. समाज में द्वेष फैलाने की कोशिश है, ताकि राजनीतिक रोटियां सेकी जा सके.
अब जानिए हकीकत
वक्फ के पुराने कानून में क्या था?
वक्फ के दावे के खिलाफ ट्रिब्यूनल में ही अपील
वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला आखिरी, चुनौती नहीं
किसी जमीन पर मस्जिद है तो जमीन वक्फ की
बोर्ड में महिला और अन्य धर्म के लोगों की एंट्री नहीं
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प्रस्तावित बिल में क्या बदला?
ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू/सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी.
वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ कोई भी हाईकोर्ट में जाकर दावा कर सकेगा.
जमीन वक्फ को दान में नहीं मिली है तो जमीन वक्फ की नहीं हो सकती.
बोर्ड में दो महिला और दो अन्य धर्म के लोगों को एंट्री होगी, जिस पर सबसे ज्यादा विवाद.
देश में वक्फ की कितनी संपत्ति
8,72,328 अचल संपत्तियां वक्फ के पास रजिस्टर्ड
9.4 लाख एकड़ से भी ज्यादा का क्षेत्र इनके कब्जे में.
इनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ से भी ज्यादा.
सबसे ज्यादा 2,17,161 अचल संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं.
सशस्त्र बल, रेलवे के बाद सबसे ज़्यादा जमीन वक्फ के पास.
2009 से पहले सिर्फ 3 लाख रजिस्टर्ड संपत्ति थीं इनके पास.
यानी सिर्फ 13 साल में दो गुना से ज़्यादा बढ़ गई जमीन.
कोर्ट में कितने मामले
40,951 केस वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल में लंबित हैं.
9,942 केस मुस्लिम पक्षकारों ने दायर किए हैं.
इनमें संसद भवन को वक्फ की संपत्ति बताया गया है.
महाकुंभ क्षेत्र के एक हिस्से को वक्फ की संपत्ति बताया.
बेट द्वारका द्वीप को वक्फ की संपत्ति होने का दावा है.
अब दावा और हकीकत भी जान लीजिए
AIMPLB का दावा
मौजूदा कानून में वक्फ BY USER का प्रावधान
जो संपत्ति रजिस्ट्रड नहीं वो भी वक्फ की संपत्ति
नए कानून आने पर हमे बेदखल किया जाएगा
हकीकत
संपत्ति विवादित तभी मालिकाना हक तय होगा
संपत्ति पर विवाद नहीं होने पर वक्फ का कब्जा रहेगा
AIMPLB का दावा
LAW OF LIMITATION से वक्फ को छूट थी
हमारी कई संपत्तियों लोगों को कब्जा
हकीकत
सच्चर कमिटी ने की थी समयबद्ध समाधान की बात
LAW OF LIMITATION लागू होने से तय वक्त पर सुलझेगा विवाद
अभी सालों से लंबित हैं कई मामले
AIMPLB का दावा
अभी बोर्ड में सभी मुस्लिम सदस्य होना जरूरी
नए कानून में गैर मुस्लिमों की होगी एंट्री
चुने हुए की जगह, नॉमिनेटिड सदस्य आएंगे
हकीकत
वक्फ की तरह दूसरे किसी धर्म में ऐसा कानून नहीं
हर राज्य अपने हिसाब से तय करते हैं नियम
AIMPLB का दावा
मौजूदा कानून में वक्फ बोर्ड को ट्रिब्यूनल बनाने का हक
नए बिल में कलेक्टर और कमिश्नर को पावर दी गई
हकीकत
सभी धर्मों में संपत्ति विवाद का निपटारा कोर्ट और कमिश्नर करते हैं
AIMPLB का दावा
वक्फ करने के लिए नए नियम बनाए गए
गैर मुस्लिमों को वक्फ करने से रोका गया
हकीकत
अन्य धर्मों में ऐसी कोई पाबंदी नहीं
AIMPLB का दावा
मौजूदा कानून में जमीन का सर्वे वक्फ बोर्ड करता था
अब कमिश्नर को सर्वे का अधिकार दिया गया
हकीकत
देश भर में जमीन सर्वे का काम सरकार का
सर्वे कमिश्नर के नेतृत्व में ही होता है
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 18, 2025, 05:01 IST
वक्फ बिल में क्या खामी, क्या अच्छाई? मौलानाओं की बात तो सुन ली, अब जानें हकीकत