बैंक गवर्नर के तौर पर मिली पहचान
मार्क कार्नी ने लंबे समय तक दुनिया के बड़े बैंकों में काम किया है। साल 2008 में कार्नी को बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उनको दुनियाभर में पहचान मिली। 2008 के वित्तीय संकट से कनाडा को उबारने में कार्नी की अहम भूमिका रही। साल 2010 में टाइम मैगजीन ने उन्हें दुनिया के 25 सबसे प्रभावशाली लोगों में चुना। अगले ही साल 2011 में रीडर्स डाइजेस्ट कनाडा ने उन्हें ‘मोस्ट ट्रस्टेड कैनेडियन’ के खिताब से नवाजा और 2012 में यूरोमनी मैगजीन ने उन्हें सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर चुना।
साल 2013 में कार्नी बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर का पदभार संभालने के लिए यूके आए। वे 300 साल के इतिहास में इस संस्थान का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने। उन्होंने 2020 तक इस पद पर कार्य किया। 2020 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु कार्रवाई और वित्त के लिए विशेष दूत के रूप में काम करना शुरू किया। कार्नी पहले गोल्डमैन सैक्स में भी काम कर चुके हैं। कनाडा की लिबरल पार्टी का नेतृत्व करने के लिए उन्होंने दूसरे सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
1994 में की शादी, चार बच्चे
मार्क कार्नी ने 1994 में डायना फॉक्स से शादी की। विकासशील देशों में विशेषज्ञता रखने वाली ब्रिटिश अर्थशास्त्री फॉक्स और कार्नी की मुलाकात ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी। फॉक्स के पास और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। पिछले कुछ सालों में वह अफ्रीका, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में काम कर रही हैं। इस जोड़े के चार बच्चे हैं। मार्क कार्नी के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
कनाडा पीएम के तौर पर कार्नी के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना होगा। महामारी के बाद कनाडा की अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है। इसके अलावा, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी भी बड़ी समस्याएं हैं। इसके अलावा कनाडा को लेकर अमेरिका के सख्त रुख से निपटना भी उनकी चुनौती है। अमेरिका से व्यापार युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहे कनाडा के लिए कार्नी का पीएम बनना और भी खास हो जाता है