
फाइल फोटो
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मौजूद केदारनाथ मंदिर काफी मशहूर है. इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ देखी जाती है कि दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का हर साल एक नया रिकॉर्ड कायम होता है. श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की वजह से मंदिर की आय में भी बढ़ोतरी होती है. पिछले तीन सालों में केदारनाथ मंदिर की आय ढाई गुना ज्यादा हो गई है.
श्रद्धालुओं के चढ़ावे, दान से केदारनाथ मंदिर की आय होती है. साल 2021 के बाद मंदिर की आय में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है, जहां 2021 के बाद मंदिर की आय में ढाई गुना इजाफा हुआ है. इस बात की जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत एक आवेदन पर सामने आई है. उत्तर प्रदेश के नोएडा के आरटीआई कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने आरटीआई कानून के तहत मंदिर की आय की जानकारी मांगी थी.
आय में ढाई गुना बढ़ोतरी
आरटीआई कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने जो जानकारी मांगी थी उसी के जवाब में मंदिर समिति ने आय के बारे में बताया. श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2020-21 में जहां केदारनाथ मंदिर की आय 22.04 करोड़ रुपये थी. वही 2023-24 में बढ़कर 52.9 करोड़ रुपये हो गई है. इस तरह कमाई में ढाई गुना बढ़ोतरी हुई है.
तीन साल, मंदिर की आय
हालांकि कोविड-19 के दौरान मंदिर की आय घट गई थी, लेकिन उसके अगले ही साल फिर से मंदिर की आय में बढ़ोतरी हुई. मंदिर समिति ने बताया कि गढ़वाल हिमालय में स्थित बाबा केदार के मंदिर की आय 2021-22 में 16.52 करोड़ रुपये हो गई थी. फिर अगले ही साल 2022-23 में बढ़ोतरी देखी गई और 29.67 करोड़ रुपये हो गई. इसके बाद फिर 2023-24 में 52.9 करोड़ रुपये हो गई. यानी 2021 से लेकर 2024 तक 2.3 गुना ज्यादा कमाई हुई.
कोविड में घटी मंदिर की आय
जब देश पर कोरोना महामारी का संकट आया. उसके बाद मंदिर के कपाट कई प्रतिबंधों के साथ खोले गए थे. मंदिर में दर्शन करने के लिए जिस तरह से आमतौर पर श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा होती है. उस दौरान संख्या को सीमित कर दिया गया था. मास्क लगाने से लेकर सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का पालन किया जा रहा था. ऐसे में कम श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन जब कोरोना खत्म हुआ तो फिर से श्रद्धालुओं की भीड़ उसी तरह मंदिर में लगने लगी.