भारत में गर्मी का प्रकोप हर साल बढ़ता जा रहा है। हीटवेव (लू) से हर साल सैकड़ों लोग बीमार पड़ते हैं और कई की जान भी चली जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारा शरीर कितनी गर्मी सहन कर सकता है? आखिर कब यह तापमान हमारे लिए जानलेवा हो जाता है?
अगर आपको भी गर्मी से जुड़ी यह अहम जानकारी चाहिए, तो यह लेख आपके लिए है। आइए जानते हैं कि शरीर किस हद तक तापमान झेल सकता है, लू से कैसे बचा जा सकता है और क्या करें जब शरीर पर गर्मी का असर दिखने लगे।
1. मानव शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है?
हमारे शरीर का सामान्य तापमान 36.1°C से 37.2°C (97°F से 99°F) के बीच रहता है। जब यह तापमान इससे अधिक बढ़ने लगता है, तो शरीर पर बुरा असर पड़ता है।
कब खतरा बढ़ जाता है?
शरीर का तापमान | असर |
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37°C – 38°C | हल्की गर्मी महसूस होती है, पसीना आता है। |
38°C – 39°C | कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं। |
39°C – 40°C | हीट एक्सहॉशन (थकावट) हो सकता है। |
40°C – 41°C | हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। |
41°C से अधिक | शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं, जानलेवा स्थिति। |
अगर शरीर का तापमान 42°C से ऊपर चला जाए, तो यह घातक हो सकता है और व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
2. हीटवेव क्या है और यह शरीर को कैसे प्रभावित करती है?
हीटवेव (लू) क्या होती है?
जब किसी क्षेत्र में लगातार कई दिनों तक तापमान सामान्य से बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो इसे हीटवेव (लू) कहते हैं। भारत में हीटवेव तब घोषित की जाती है जब:
- मैदानी इलाकों में तापमान 45°C या उससे अधिक पहुंच जाए।
- पहाड़ी इलाकों में तापमान 30°C से अधिक हो।
- सामान्य तापमान से 5°C – 6°C अधिक हो जाए।
हीटवेव का शरीर पर असर
हीटवेव के कारण शरीर की अंदरूनी गर्मी बढ़ने लगती है। शरीर ठंडा होने के लिए पसीना निकालता है, लेकिन अगर ज्यादा पसीना निकल जाए तो डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) हो जाती है। इससे शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी होने लगती है, जिससे अंगों पर बुरा असर पड़ता है।
3. गर्मी से होने वाली बीमारियां और उनके लक्षण
हीटवेव के कारण कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं:
(1) हीट क्रैम्प्स (Heat Cramps)
लक्षण: मांसपेशियों में ऐंठन, ज्यादा पसीना आना, कमजोरी
बचाव: पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स लें, ठंडी जगह पर आराम करें।
(2) हीट एक्सहॉशन (Heat Exhaustion)
लक्षण: सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, ज्यादा पसीना आना
बचाव: छायादार जगह पर रहें, ठंडा पानी पिएं और नमक-चीनी घोल लें।
(3) हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) – सबसे खतरनाक
लक्षण: शरीर का तापमान 40°C से ज्यादा, बेहोशी, तेज दिल की धड़कन, उल्टी
बचाव: तुरंत ठंडी जगह पर ले जाएं, बर्फ से शरीर ठंडा करें, तुरंत डॉक्टर को बुलाएं।
ध्यान दें: हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है। यह इमरजेंसी मेडिकल कंडीशन है, इसमें तुरंत इलाज जरूरी है।
4. शरीर कितनी गर्मी बर्दाश्त कर सकता है?
शरीर का अधिकतम सहनशील तापमान 40°C से 42°C होता है। इससे ज्यादा बढ़ने पर शरीर के अंदरूनी अंग (दिल, दिमाग, किडनी) काम करना बंद कर सकते हैं।
किन लोगों को ज्यादा खतरा होता है?
बच्चे और बुजुर्ग
हृदय और फेफड़ों के मरीज
गर्भवती महिलाएं
मजदूर, किसान, सड़क पर काम करने वाले लोग
पहले से बीमार लोग
5. लू से बचने के उपाय
हीटवेव से बचने के लिए कुछ आसान लेकिन जरूरी उपाय अपनाने चाहिए:
क्या करें?
दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं।
बाहर निकलने से पहले छाता, टोपी, सनग्लास पहनें।
हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनें।
नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, आम पन्ना पिएं।
दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहर जाने से बचें।
शरीर को ठंडा रखने के लिए दिन में दो बार नहाएं।
क्या न करें?
कोल्ड ड्रिंक्स और कैफीन (चाय, कॉफी) ज्यादा न पिएं।
धूप में नंगे सिर और खाली पेट बाहर न जाएं।
बहुत ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना न खाएं।
भीड़भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा समय तक न रुकें।
6. हीटवेव के दौरान सरकार क्या कर रही है?
सरकार और प्रशासन भीषण गर्मी से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है:
- पानी के टैंकर और कूलिंग सेंटर: कई शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर ठंडे पानी की सुविधा दी जा रही है।
- स्कूलों की छुट्टियां: पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में हीटवेव के कारण स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
- अस्पतालों में विशेष वार्ड: हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए अस्पतालों में विशेष इंतजाम किए गए हैं।
- सड़क पर छायादार जगह: कई राज्यों में सड़कों पर छांव के लिए टेंट लगाए गए हैं।
7. आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहेगा?
मौसम विभाग के अनुसार, मई और जून में गर्मी और बढ़ने की संभावना है। मानसून के आने तक तापमान 45°C से ऊपर जा सकता है। हीटवेव से राहत पाने के लिए मानसून का इंतजार करना पड़ेगा, जो जून के मध्य तक भारत के कई हिस्सों में पहुंच सकता है।