दुबई: भारतीय टीम के खिलाफ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया। टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा टॉस के दौरान काली पट्टी बांधकर आए थे, जबकि पूरी टीम ने भी ऐसा किया। दरअसल, भारतीय खिलाड़ी मुंबई के महान स्पिनर पद्माकर शिवालकर को श्रद्धांजलि दे रहे थे। पद्माकर शिवालकर का एक दिन पहले ही 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। भारत के लिए कभी नहीं खेले पाने वाले सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में शामिल शिवालकर ने 1961-62 से 1987-88 के बीच कुल 124 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया और 19.69 की औसत से 589 विकेट लिए।उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2017 में सीके नायडू ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने कहा, ‘मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चे दिग्गज को खो दिया है। पद्माकर शिवालकर सर का खेल में योगदान, खासकर अब तक के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में से एक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘मुंबई क्रिकेट पर उनका समर्पण, कौशल और प्रभाव अद्वितीय है। उनका निधन क्रिकेट जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले।’

सुनील गावस्कर ने कहा था- पद्माकर शिवालकर टीम इंडिया में खेलने के हकदार थे
महान सुनील गावस्कर ने पद्माकर शिवालकर को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ‘कुछ अन्य की तुलना में भारतीय टीम में खेलने के अधिक हकदार थे’। बाएं हाथ के स्पिनर शिवालकर देश के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक थे जिन्हें कभी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। उनका सोमवार को यहां उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया। गावस्कर ने शिवालकर के निधन पर एक भावुक संदेश लिखा। शिवालकर के निधन से कुछ दिन पहले 19 फरवरी को मुंबई के पूर्व कप्तान और मुख्य चयनकर्ता मिलिंद रेगे का भी निधन के बाद हुआ।

गावस्कर ने अपने संदेश में लिखा, ‘यह वाकई बहुत दुखद खबर है। कुछ ही समय में मुंबई क्रिकेट ने अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों मिलिंद और पद्माकर को खो दिया है। यह दोनों कई जीत के सूत्रधार थे।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय कप्तान के तौर पर मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को ‘पैडी’ को टेस्ट टीम में शामिल करने के लिए राजी नहीं कर पाया। वह कुछ अन्य गेंदबाजों की तुलना में भारतीय टीम में शामिल होने के अधिक हकदार थे। आप इसे किस्मत कह सकते हैं।’

पद्माकर शिवालकर का क्रिकेट करियर
शिवालकर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 साल की उम्र तक खेलते रहे। उनका प्रथम श्रेणी करियर 1961-62 से 1987-88 सत्र तक चला। उन्होंने कुल 124 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 19.60 की औसत से 589 विकेट लिए, जिनमें से 361 विकेट रणजी ट्रॉफी में आए।

(भाषा के इनपुट के आधार पर)

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