डायबिटीज एक ऐसी बीमारी बन चुकी है, जो पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही है। करोड़ों लोग इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं, और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन ज्यादा मोटापा, खराब लाइफस्टाइल और शारीरिक गतिविधियों की कमी से इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
डायबिटीज को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि लोग इसकी शुरुआती पहचान नहीं कर पाते हैं। यह सिर्फ ब्लड शुगर बढ़ाने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि शरीर के कई अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है। खासतौर पर, डायबिटीज का असर पैरों पर जल्दी दिखने लगता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो पैरों में होने वाले बदलावों को नजरअंदाज न करें।
डायबिटीज क्यों प्रभावित करता है पैरों को?
डायबिटीज के मरीजों में शरीर इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। जब यह स्थिति गंभीर हो जाती है, तो यह ब्लड सर्कुलेशन और नसों पर बुरा असर डालती है, खासकर पैरों तक ब्लड फ्लो कम हो जाता है।
ब्लड शुगर बढ़ने पर पैरों में ये समस्याएं हो सकती हैं:
पैरों में दर्द और झुनझुनी महसूस होना
पैरों में सूजन और लालिमा
छालों और फंगल इन्फेक्शन की समस्या
नाखूनों का रंग बदलना या टेढ़े-मेढ़े हो जाना
अगर समय रहते इन लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि गैंगरीन (टिशू डैमेज) की वजह से पैर काटने तक की नौबत आ सकती है। इसलिए डायबिटीज मरीजों को पैरों का खास ध्यान रखना चाहिए।
ब्लड शुगर बढ़ने पर पैरों में दिखते हैं ये 5 प्रमुख लक्षण
1. पैरों में दर्द और झुनझुनी (Diabetic Neuropathy)
डायबिटीज का सबसे बड़ा असर नसों (Nerves) पर पड़ता है, जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। यह समस्या पैरों की नसों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे निम्नलिखित दिक्कतें हो सकती हैं:
पैरों में दर्द, जलन और झुनझुनी महसूस होना
कई बार पैर सुन्न पड़ जाते हैं
लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे, तो यूरिनरी ट्रैक्ट, पाचन तंत्र और दिल की सेहत भी प्रभावित हो सकती है
अगर आपको लगातार पैर सुन्न होने की समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
2. एथलीट्स फुट – फंगल इन्फेक्शन का खतरा
डायबिटीज से प्रभावित लोगों में पैरों की त्वचा कमजोर हो जाती है, जिससे फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें एथलीट्स फुट नामक समस्या हो सकती है, जो पैरों में संक्रमण फैलाती है।
एथलीट्स फुट के लक्षण:
खुजली और जलन
त्वचा में दरारें और छाले
पैरों की त्वचा लाल और सूखी हो जाती है
अगर पैरों में खुजली और फंगल इन्फेक्शन के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
3. पैरों में छाले (Diabetic Foot Ulcers)
डायबिटीज से करीब 15% मरीजों के पैरों में छाले हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे गहरे जख्म (Ulcers) का रूप ले सकते हैं।
कैसे पता चले कि छाले गंभीर हो रहे हैं?
त्वचा फटने लगती है और मांस दिखाई देने लगता है
घाव जल्दी नहीं भरते और दर्द बढ़ता जाता है
कुछ मामलों में इंफेक्शन इतना बढ़ सकता है कि पैर काटने की नौबत आ सकती है
अगर आपके पैरों में कोई भी घाव या छाला जल्दी ठीक नहीं हो रहा है, तो इसे हल्के में न लें।
4. पैरों में सूजन और लालिमा
डायबिटीज के कारण पैरों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनमें छोटे-छोटे फ्रैक्चर होने लगते हैं। इससे पैरों और टखनों में सूजन आ जाती है।
अगर पैरों में लगातार ये लक्षण दिखें, तो सतर्क हो जाएं:
पैर या टखनों में सूजन और लालिमा
छूने पर गर्म महसूस होना
खड़े होने पर दर्द होना
अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से जांच करवाएं।
5. नाखूनों में फंगल इंफेक्शन और रंग बदलना
डायबिटीज के मरीजों को नाखूनों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे:
नाखूनों का रंग काला या पीला पड़ जाना
नाखून मोटे और टेढ़े-मेढ़े हो जाना
नाखूनों में दर्द या सूजन महसूस होना
अगर नाखूनों में कोई बदलाव दिखे, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है।
डायबिटीज मरीज पैरों की सेहत का कैसे ध्यान रखें?
रोजाना पैरों को गुनगुने पानी से धोएं और मॉइश्चराइज़र लगाएं।
फटे हुए पैरों और नाखूनों की नियमित देखभाल करें।
हमेशा आरामदायक और ढीले जूते पहनें।
नंगे पैर चलने से बचें, ताकि चोट न लगे।
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें और नियमित चेकअप कराएं।