बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने युवाओं के लिए बड़े वादों की झड़ी लगा दी है। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो एक महीने के अंदर ‘युवा आयोग’ का गठन किया जाएगा और स्थानीय युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता देने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी।
तेजस्वी ने बुधवार को पटना में ‘युवा चेतना रैली’ को संबोधित करते हुए ये ऐलान किए।
तेजस्वी यादव के बड़े वादे
सरकार बनने के बाद एक महीने के अंदर ‘युवा आयोग’ का गठन किया जाएगा।
बिहार में ‘डोमिसाइल नीति’ लागू होगी, जिससे स्थानीय युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता मिलेगी।
सरकारी नौकरी के लिए आवेदन फॉर्म भरने का कोई शुल्क नहीं लगेगा।
परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को यात्रा भत्ता मिलेगा, यानी परीक्षा केंद्र तक आने-जाने का खर्च सरकार उठाएगी।
बिहार के 400 से ज्यादा प्रखंडों में डिग्री कॉलेज नहीं हैं, सरकार बनने पर हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज खोलने की योजना बनाई जाएगी।
तेजस्वी यादव ने कहा—
“अगर हमारी सरकार बनी, तो पढ़ाई और रोजगार के लिए बिहार के युवाओं को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।”‘बिहार के युवाओं को चाहिए युवा मुख्यमंत्री’ – तेजस्वी यादव
नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार में सिर्फ 7 कॉलेज प्रति एक लाख आबादी पर हैं, जो कि बेहद कम है।
उन्होंने कहा कि 18 से 25 साल के युवाओं की संख्या बिहार में 58% है, ऐसे में राज्य को एक युवा मुख्यमंत्री की जरूरत है, ना कि उम्रदराज नेता की।
तेजस्वी ने कहा—
“जहां युवा इतने ज्यादा हैं, वहां एक बुजुर्ग मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं है। युवा सरकार बनाएंगे और युवा ही इस प्रदेश को आगे ले जाएंगे।”
तेजस्वी ने युवाओं से हाथ उठाकर वादा लिया कि वे 2025 में RJD की सरकार बनाएंगे।
युवा चेतना रैली में तेज प्रताप यादव का बयान
युवा चेतना रैली में पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने युवाओं से केंद्र की बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की।
युवा आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने तेजस्वी यादव से मांग की कि सरकार बनने के बाद युवाओं की राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
क्या वादे पूरा कर पाएगी RJD?
तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं को लुभाने के लिए कई बड़े वादे किए हैं।
अब सवाल यह है कि क्या महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-वाम दल) की सरकार बनी, तो क्या ये वादे पूरे होंगे?
या फिर ये सिर्फ चुनावी घोषणाएं रह जाएंगी?