जयपुर: खुद को वरिष्ठ आईएएस बताकर लोगों से ठगी करने वाला एक शातिर बदमाश जयपुर पुलिस की गिरफ्त में आया है। पकड़े गए आरोपी का नाम दीपक जैन है। वह अपने आप को आर. के. अग्रवाल बताते हुए सीनियर आईएएस अफसर होना बताया था। आगरा (यूपी) निवासी दीपक जैन के साथ कुछ और लोग मिले हुए थे। यानी दीपक जैन के साथ पूरा गिरोह मिलकर काम करता था। ये लोग युवाओं को विधानसभा और सचिवालय में सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों रुपए ऐंठते थे। चार साल पहले जयपुर के 14 युवाओं सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया। जयपुर पुलिस दो साल से इस फर्जी आईएएस की तलाश कर रही थी। आखिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

गैंग के सदस्य झांसे में फंसाते थे युवाओं को

फर्जी आईएएस दीपक जैन के गिरोह में जयपुर के मुरलीपुरा निवासी कमल किशोर और मानसरोवर निवासी अभिषेक भी शामिल थे। ये दोनों बदमाश अलग अलग युवाओं को झांसे में लेते थे। जो युवा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते थे, उन्हें अपना शिकार बनाने की साजिश रचते थे। युवाओं से बात करते वक्त वे वरिष्ठ आईएएस से जान पहचान होना बताकर सचिवालय और विधानसभा में सरकारी नौकरी लगाने का दावा भी करते थे। वर्ष 2021 में कमल किशोर उर्फ मोंटू और अभिषेक उर्फ सुनित ने जयपुर के 14 युवकों को झांसे में लिया। सभी से 5-5 लाख रुपए लेकर सरकारी नौकरी लगाने का दावा किया।

फ्लेट में बुलाकर इंटरव्यू लिया, फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमाए

डीसीपी वेस्ट अमित कुमार बताते हैं कि फर्जी आईएएस दीपक जैन ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। पुलिस पूछताछ में दीपक जैन ने बताया कि कमल किशोर और अभिषेक के कहने पर वर्ष 2021 में वह फर्जी आईएएस बनकर सचिवालय के पास स्टेच्यू सर्किल पर कुछ युवाओं से मिला। बाद में एक फ्लेट में उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया। राजेंद्र कुमार नामक व्यक्ति को फर्जी डॉक्टर बनाकर झांसे में आए युवाओं का मेडिकल करवाया। जिन युवाओं से 5-5 लाख रुपए वसूले गए। उन सभी को विधानसभा और सचिवालय में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमाया ताकि उन्हें पूरा विश्वास हो सके। रुपए ऐंठने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए।

रिटायर्ड फौजी ने दर्ज कराया केस

डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि वर्ष 2023 में सेवानिवृत्त आर्मी पर्सन मानसिंह ने मुरलीपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परिवादी ने कहा कि उसका छोटा भाई प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयार करता है। छोटे भाई का दोस्त अनिल के संपर्क में कुछ व्यक्ति हैं जो सीनियर आईएएस के जरिए सरकारी नौकरी लगाने का दावा करते हैं। मानसिंह को भरोसा नहीं हुआ लेकिन छोटे भाई को उम्मीद जगी कि वह सरकारी अफसर बन सकता है। ऐसे में वह इस गिरोह के झांसे में आ गया। नियुक्ति पत्र दिए जाने के बाद पता चला कि यह तो फर्जी है और धोखाधड़ी हुई है। एक बाद एक 14 पीड़ित युवा सामने आए।

दो आरोपी पिछले एक साल से जेल में

एसीपी झोटवाड़ा सुरेंद्र राणावत ने बताया कि जून 2024 दो आरोपियों कमल किशोर और अभिषेक को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के बाद रिमांड पर लिया गया और फिर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। अभी तक दोनों आरोपी जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन दोनों आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद फर्जी आईएएस बने दीपक जैन के बारे में जानकारी मिली थी। कमल किशोर और अभिषेक की गिरफ्तारी के बाद जैन लगातार फरार चल रहा था। आखिर अब उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। पूछताछ में और भी मामलों का खुलासा हो सकता है।

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