
शुभेंदु, सुकांत, ममता और अभिषेक.
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पाला-बदल का खेल फिर से शुरू होने वाला है. इसे लेकर बीजेपी और टीएमसी दोनों ही पार्टियों की ओर से रणनीति बनाई जा रही है. कुछ दिन पहले तृणमूल कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को बड़ा झटका दिया था. हल्दिया विधायक तापसी मंडल बीजेपी छोड़कर टीएमसी में में शामिल हो गई थीं. अब तृणमूल नेता बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं.
नाटाबाड़ी के पूर्व विधायक और उत्तर बंगाल के पूर्व विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने दावा किया कि भाजपा के 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं. बातचीत चल रही है. उनके दावे को लेकर अब उत्तर बंगाल के राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई है.
रवींद्रनाथ ने साफ तौर पर कहा कि कूचबिहार में तीन विधायकों के साथ बातचीत चल रही है. वे आपस में इस पर बातचीत करके धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. अब देखते हैं क्या होता है! इसके बाद उन्होंने एक बहुत ही विस्फोटक दावा किया.
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बीजेपी के 12 विधायकों से चल रही है बातचीत
उन्होंने कहा, “उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में कई भाजपा विधायक हैं जो हमारे राज्य नेतृत्व के निकट संपर्क में हैं. मुझे लगता है कि चुनाव से ठीक पहले उत्तर बंगाल में 10-11 से अधिक विधायक दल बदल लेंगे. यह संख्या एक दर्जन हो सकती है.”
सिर्फ रवींद्रनाथ ही नहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी कुछ दिन पहले विस्फोटक दावे किए थे. उन्होंने कहा था कि कम से कम 4 भाजपा सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं. विधायकों का एक समूह भी दल बदलने को तैयार है. उनकी टिप्पणी को लेकर भारी हंगामा मचा था. इस बार रवींद्रनाथ ने कुछ ऐसा ही दावा किया है.
पाला बदल को लेकर बीजेपी-टीएमसी में घमासान
रवींद्रनाथ ने कहा कि भाजपा विधायक पिछले चार सालों में कोई काम नहीं कर पाए हैं. वे दिल्ली से 100 दिन का पैसा नहीं ला सके, न ही केंद्र सरकार से कोई अलग से फंड ला सके. लोगों के पास नहीं जा सका. क्योंकि वे कोई विकास नहीं कर सके. उन्होंने कहा कि अगर वे अब भी राजनीति करना चाहते हैं और विधायक बनना चाहते हैं तो उन्हें अपनी पार्टी बदलनी होगी.
हालांकि, भाजपा पलटवार कर रही है. उत्तर बंगाल से भाजपा विधायक शंकर घोष ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस विधायक दल बदलने को आतुर हैं. उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह सकता कि रवींद्रनाथ यह बात हताशा में कह रहे हैं, लेकिन मेरे पास अलग सूचना है. कई लोग अपनी पार्टी में संकट के कारण टिकट पाने से डर रहे हैं. चूंकि तृणमूल कांग्रेस के पास 2026 में जीतने की बहुत कम संभावना है, इसलिए उन्हें विभिन्न स्थानों पर पहले से ही हार का सामना करना पड़ रहा है.”
इनपुट- टीवी9 बांग्ला