क्या कहा कंपनी ने?
न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने कहा है कि उसने इन डिवाइस को बनाना एक दशक पहले ही बंद कर दिया था। कंपनी इसकी जांच कर रही है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने लगभग एक दशक में जापान के वाकायामा में स्थित अपने प्लांट से इस मॉडल (IC-V82) का एक भी वॉकी-टॉकी नहीं बेचा है। कंपनी ने कहा कि उसने 2004 से अक्टूबर 2014 तक मध्य पूर्व सहित कई देशों में IC-V82 ट्रांसीवर भेजे हैं।
नकली प्रोडक्ट की दी थी चेतावनी
Icom कंपनी ने कहा कि उसके पास IC-V82 मॉडल की कोई इन्वेंट्री नहीं है। कंपनी ने कहा कि काफी लंबे समय से उनकी कंपनी के नकली प्रोडक्ट मार्केट में बिक रहे हैं। कंपनी ने कहा कि हमने इस बारे में पहले ही चेतवानी दी थी। कंपनी ने कहा कि उसने नकली निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है और कम से कम साल 2020 से नकली मॉडल के बारे में चेतावनी दी है। कंपनी की वेबसाइट पर भी इस बारे में जानकारी दी गई है कि इस मॉडल के वॉकी-टॉकी का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया है।
डिवाइस पर कोई रोकथाम का स्टिकर नहीं था
कंपनी ने कहा है कि लेबनान में जिन वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुआ, उनमें ऐसा कोई स्टीकर नहीं लगा था जिनमें नकली प्रोडक्ट के इस्तेमाल की रोकथाम के बारे में लिखा हो। कंपनी ने कहा कि ऐसे यह पुष्टि करना संभव नहीं है कि वे कंपनी से आए थे या नहीं। कंपनी ने यह कहते हुए भी अपना बचाव किया कि वह सिर्फ अथॉराइज्ड डिस्ट्रिब्यूटर्स को ही प्रोडक्ट बेचती है। इसके लिए कंपनी जापानी सरकार के नियमों का पालन करती है।