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Parliament Session: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार और विपक्ष के बीच ईपीआईसी, मणिपुर हिंसा और वक्फ संशोधन विधेयक पर टकराव की उम्मीद है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मणिपुर का बजट पेश करेंगी.

बजट सत्र में गूंजेगा EPIC और मणिपुर का मुद्दा, वक्फ कानून सरकार की प्रायोरिटी

वक्फ बिल को लेकर संसद में सरकार को विपक्ष घेर सकती है. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • संसद सत्र में मणिपुर हिंसा और EPIC मुद्दे पर टकराव की उम्मीद.
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी मणिपुर का बजट.
  • वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराना सरकार की प्राथमिकता.

नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार को शुरू हो रहा है, जिसमें सरकार और विपक्ष के बीच ‘ईपीआईसी’ के मुद्दे पर टकराव होने की उम्मीद है. विपक्ष मतदाता सूची में कथित हेराफेरी, मणिपुर में हिंसा की ताजा घटना और ट्रंप प्रशासन से निपटने में भारत के रुख जैसे मुद्दों को उठाने की योजना बना रहा है. सरकार का ध्यान अनुदान मांगों के लिए संसद की मंजूरी प्राप्त करने के साथ-साथ बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने, मणिपुर बजट के लिए अनुमोदन प्राप्त करने और वक्फ संशोधन विधेयक को पारित करने पर रहेगा.

गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी लेने के वास्ते एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को मणिपुर का बजट भी पेश करेंगी. एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है. विपक्ष ने कहा कि वह मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) क्रमांक के दोहराव के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह अगले तीन महीनों में सुधारात्मक कदम उठाएगा. निर्वाचन आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के इस दावे को खारिज कर दिया था कि मतदाता सूचियों में हेरफेर की गई है ताकि अन्य राज्यों के मतदाताओं को पश्चिम बंगाल में मत डाल सकें.

निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र क्रमांक ‘समान हो सकते हैं’, लेकिन जनसांख्यिकी जानकारी, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केन्द्र जैसे अन्य विवरण अलग-अलग होते हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेता सोमवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी) सहित अन्य विपक्षी दलों को भी एकजुट किया है.

वहीं सरकार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को शीघ्र पारित कराना प्राथमिकता है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने पिछले सप्ताह ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा था कि सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को शीघ्र पारित कराने की इच्छुक है, क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझेंगे. संसद की संयुक्त समिति ने विपक्ष के भारी विरोध के बीच विधेयक पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में प्रस्तुत की थी. मणिपुर में ताजा हिंसा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी, संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर राजनीतिक हंगामा जैसे मुद्दों के भी संसद में उठने की उम्मीद है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता वक्फ विधेयक का संयुक्त रूप से विरोध करने के लिए ‘व्यापक विचार-विमर्श’ करेंगे. रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का मुद्दा भी उठाती रहेगी और आरोप लगाएगी कि चुनाव ‘अब स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं रह गए हैं.’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस बजट सत्र के दौरान ट्रंप की पारस्परिक-शुल्क लगाने की धमकियों का मुद्दा उठाएगी और इन धमकियों से निपटने के लिए द्विदलीय सामूहिक संकल्प का आह्वान किया. संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला. दूसरा भाग 10 मार्च से शुरू होकर चार अप्रैल तक चलेगा.

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