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अहमदाबाद: भारत में नट, बोल्ट और स्क्रू सहित स्टील फास्टनरों के आयात पर प्रतिबंध लग सकता है, क्योंकि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीए) अगले सप्ताह से प्रभावी हो जाएगा। इस संभावित स्थिति से बड़ी संख्या में लघु विनिर्माण इकाइयों के बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। बुधवार को दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक ने आशंका जताई कि इन नए नियमों से हजारों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं।

स्टील फास्टनर्स औद्योगिक क्षेत्र की स्थिरता, स्थायित्व और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। स्टील फास्टनरों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है जैसे ऑटोमोटिव, विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीन और उपकरण विनिर्माण, रेलवे, सैन्य, रक्षा आदि।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, स्टील फास्टनर्स का आयात 20 मार्च से बंद हो जाएगा, क्योंकि किसी भी विदेशी निर्माता को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की मानकीकरण प्रक्रिया के तहत मंजूरी नहीं मिली है। इससे आपूर्ति श्रृंखला के निम्नतम स्तर पर अनिश्चितता और आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न होगा। 

नये नियमों के कारण भारत में ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र कुछ प्रकार के फास्टनर्स के आयात पर अत्यधिक निर्भर हो जाएंगे। इन सभी क्षेत्रों पर अचानक छाये अनिश्चितता के बादलों के कारण उत्पादन जोखिम में पड़ जायेगा।

सरकार ने उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, मानव, पशु और पौधों के स्वास्थ्य की रक्षा करने तथा अनुचित प्रथाओं को रोकने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए हैं। सरकारी विभागों ने भारतीय मानक ब्यूरो से परामर्श के बाद इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इस आदेश का अनुपालन घरेलू और विदेशी निर्माताओं के लिए अनिवार्य है, अर्थात निर्माताओं और आयातकों को विशिष्ट मानकों का पालन करना होगा और इन मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बीआईएस प्रमाणन प्राप्त करना होगा।

इस संदर्भ में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने पिछले सितंबर में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किए थे और उन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है। ये नियम 20 मार्च से सभी आयातकों और बड़ी कंपनियों पर लागू होंगे। यह आदेश लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए क्रमशः 20 जून और 20 सितंबर से लागू होगा। भारत मानक फास्टनर्स का उत्पादन करता है लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले फास्टनर्स के लिए आयात पर निर्भर करता है। हालाँकि, आयातित फास्टनर्स अब उपलब्ध नहीं होंगे।

जीटीआरआई द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2024 में दुनिया भर के विभिन्न देशों से भारत का स्टील फास्टनर्स का कुल आयात लगभग 1.1 बिलियन डॉलर का था। कुल आयात में चीन का हिस्सा सबसे बड़ा है, जो 306 मिलियन डॉलर है। इसके बाद जापान से 127 मिलियन डॉलर, दक्षिण कोरिया से 111 मिलियन डॉलर, जर्मनी से 107 मिलियन डॉलर, अमेरिका से 104 मिलियन डॉलर, थाईलैंड से 78 मिलियन डॉलर तथा सिंगापुर से 63 मिलियन डॉलर का आयात हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, ‘विदेशी निर्माता जटिल और बोझिल बीआईएस अनुमोदन प्रक्रिया और कम व्यापार मात्रा के कारण पंजीकरण के लिए अनिच्छुक हो सकते हैं।’

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