
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (फाइल फोटो)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवा पर सरकार का खर्च सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 1.84 प्रतिशत तक पहुंच गया है. उन्होंने राज्यसभा में दावा किया कि यह धीरे-धीरे 2.5 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में देश में बहुत बड़ा नीतिगत परिवर्तन हुआ है और इसके दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा अपनी बात रथ रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2013-14 में स्वास्थ्य सेवा के लिए धन का आवंटन लगभग 38000 करोड़ रुपये था जो वर्तमान में 99,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2014 से 2025 के बीच कुल 22 एम्स बने हैं. जबकि उससे पहले यूपीए के 10 साल में केवल एक एम्स खोले गए.
‘नए मेडिकल कॉलेज से स्वास्थ्य सेवा में वृद्धि हुई’
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘2013-14 में सरकारी स्वास्थ्य व्यय 1.15 प्रतिशत था और जब स्वास्थ्य नीति प्रतिपादित की गई थी तब यह 1.35 प्रतिशत था. अब यह जीडीपी का 1.84 प्रतिशत है. हम धीरे-धीरे 2.5 प्रतिशत की ओर बढ़ रहे हैं.’ राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में 2025 तक जीडीपी के हिस्से के रूप में सरकारी स्वास्थ्य व्यय (GHE) को बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है.
नड्डा ने कहा कि देश भर में लगभग 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य संस्थान के साथ रोगी के पहले संपर्क बिंदु के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (NQAS) को लागू किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 22 एम्स और नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलकर स्वास्थ्य सेवा में वृद्धि की गई है.
इस दौरान जेपी नड्डा ने कुपोषण की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सारे मंत्रालयों के साथ मिलकर इसके समाधान की दिशा में प्रयास हो रहे हैं. कई सदस्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चिंता जताए जाने पर नड्डा ने कहा कि यह राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है. उन्होंने कहा, ‘पहले जहां एलोपैथी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी का झगड़ा होता था. वही आज सभी एक छत के नीचे काम कर रहे हैं’
अटल वाजपेयी सरकार में 6 एम्स खोले गए- नड्डा
नड्डा ने कहा कि भारत आज टीवी मुक्त होने की दिशा में अग्रसर है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1960 में पहला एम्स खोला था और तब से लेकर 1998 तक एक भी एम्स नहीं खोला गया. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र में सरकार बनी तो 6 एम्स खोले गए लेकिन उसके बाद 10 साल के संप्रग के कार्यकाल में सिर्फ एक एम्स रायबरेली में खोला गया.
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उन्होंने कहा कि 2014 से 2025 के बीच कुल 22 एम्स बने हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘यह नीतियों और उसके क्रियान्वयन के फर्क को दर्शाता है. ‘नड्डा ने कहा कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु केंद्र के बाद जम्मू, बेंगलुरु, डिब्रूगढ़ और जबलपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी खोला जा रहा है. वहीं, देशभर में अभी 15000 जन औषधि केंद्र हैं जबकि इस साल 5,000 और दो साल के अंदर 25,000 केंद्र खोले जाएंगे.