दिल्ली के उमराव ज्वेलर्स के यहां 25 करोड़ की चोरी के आरोपी लोकेश को कोर्ट ने बिलासपुर पुलिस को तीन दिन की रिमांड पर सौंपा है. इस मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से बरामद जेवरात की कस्टडी और आरोपी की ट्रांजिट रिमांड के लिए भी एप्लिकेशन दी गई थी. फिलहाल आरोपी तीन दिन तक बिलासपुर पुलिस की कस्टडी में रहेगा. अभी तक की पुलिस की जांच और पूछताछ में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं.

ये बात सामने आई है कि आरोपी ने वारदात को अंजाम देने के लिए फुलप्रूफ प्लान बनाय था. इसके लिए उसने दिल्ली की जीबी रोड से 1300 रुपये की कटर मशीन खरीदी थी. साथ ही चांदनी चौक से 100 रुपये का हथौड़ा खरीदा था और पेंचकस व प्लास अपने घर से लाया था. घर से पेंचकस-प्लास लाना और कटर मशीन खरीदना इस बात की तस्दीक करता है कि लोकेश ने वारदात को अंजाम देने से पहले चोरी करने का पूरा ब्लूप्रिंट तैयार किया था.

कोर्ट ने बिलासपुर पुलिस को आरोपी की तीन की रिमांड दी

बताते चलें कि उमराव ज्वेलर्स में हुए चोरी में शामिल आरोपी लोकेश उर्फ लोकेश्वर श्रीवास कैलाश नगर थाना कवर्धा कबीरधाम का रहने वाला है. उस पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 380, 457 और 413 के तहत कार्रवाई की है. आरोपी को शनिवार शाम को बिलासपुर कोर्ट में पेश किया गया. यहां दिल्ली पुलिस और बिलासपुर पुलिस की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने बिलासपुर पुलिस को आरोपी की तीन की रिमांड दी है.

‘अपने साथी से कहा था, दिल्ली बड़ा काम करने जा रहे हैं’

अभी तक की पूछताछ में ये बात भी सामने आई है कि लोकेश हर बार चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए नए लोगों को शामिल करता था. चोरी से पहले दिल्ली के शोरूम में उसने 20 घंटे बिताए थे. इस वारदात को अंजाम देने से पहले उसने अपने साथी से कहा था कि ‘दिल्ली बड़ा काम करने जा रहे हैं’ 

इस मामले में डीसीपी साउथ-ईस्ट राजेश देव ने बताया कि हम लोग इन्वेस्टिगेशन कर रहे थे. इसी बीच 28 तारीख को इंफॉर्मेशन मिली कि दुर्ग पुलिस को चोरी के मामले में इंट्रोगेशन के दौरान किसी ने बताया कि इसने (लोकेश) अपने साथी से कहा था कि ‘दिल्ली बड़ा काम करने जा रहे हैं’.

हमारे पास भी लोकेश से जुड़ी कुछ जानकारी थी. उसके आधार पर मिलान किया गया तो पता चला कि ये चोरी को अंजाम देने वाला शातिर लोकेश ही है. इसके बाद उसकी ट्रैवल हिस्ट्री और ट्रैवल मोड की जानकारी जुटाई गई. साथ ही एक टीम रायपुर भेजी गई. इस दौरान उसकी लोकेशन भिलाई मिली. इस पर रेड मारी गई. इसमें बिलासपुर पुलिस और दिल्ली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. बिलासपुर पुलिस वहां पहले पहुंची.

ये शोरूम कैसे लोकेश के निशाने पर आया?

इस सवाल के जवाब में डीसीपी राजेश देव बताया कि लोकेश दो तीन बार यहां आया था. वो रेकी कर चुका था.  रिमांड पर लेने के बाद उससे पूछताछ होगी.

बताते चलें कि ज्वेलरी शोरूम में 25 करोड़ के गहने चुराने वाले लोकेश ने इस वारदात के बाद दिल्ली पुलिस की नींद उड़ा दी थी. उसके पकड़े जाने के बाद पुलिस को पता चला कि लोकेश छत्तीसगढ़ में चोरी की एक वारदात में पुलिस से बचने के लिए घूमते-घूमते दिल्ली पहुंचा था. उसके शैतानी दिमाग की प्लानिंग को समझने के लिए आपको दिल्ली से 1100 किमी दूर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जाना होगा.

सैलून चलाते हुए लोकेश ने अपना नया धंधा शुरू किया

पुलिस सूत्रों की मानें तो लोकेश श्रीवास कभी बिलासपुर में सैलून चलाता था. लोगों के बाल काटता था. हमेशा मुस्कुरा कर लोगों से मिलता था. किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी कि नाई का काम करने वाले लोकेश के शैतानी दिमाग में चोरी की ऐसी प्लानिंग चल रही थी.

सैलून चलाते हुए लोकेश ने अपना नया धंधा शुरू किया. वो धंधा था ज्वेलरी की दुकानों में चोरी का. लोकेश ने सिर्फ ज्वेलरी शोरूम को अपना शिकार बनाने का फैसला किया. उसके इस नए धंधे के बारे में किसी को तब तक भनक नहीं लगी जब तक कि वो पकड़ा नहीं गया. उसके खिलाफ चोरी के 14 मामले दर्ज हैं. इनमें 7 सिर्फ बिलासपुर में दर्ज हैं.

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